कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर? राजनीतिक करियर, मालेगांव ब्लास्ट से कनेक्शन
2008 मालेगांव बम विस्फोट केस में आरोपी रहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को NIA कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कौन हैं? उनका इस केस से क्या कनेक्शन है, जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में।

सुबह से मालेगांव बम विस्फोट की चर्चा चल रही है। NIA स्पेशल कोर्ट ने केस से जुड़े सभी 7 आरोपियों को बरी कर दिया है। लेकिन इन सब के बीच एक नाम है जो काफी सुर्खियां बटोर रहा है और वो है पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कौन हैं? उनका इस केस से क्या कनेक्शन है, जानेंगे आज के एक्सप्लेनर में।
क्या है पूरा मामला?
साल 2008, ये वो समय था जब भारत के कई हिस्सों से बम ब्लास्ट हो रहे थे। मुंबई के ताज होटल में हुए बम ब्लास्ट का केस तो आपको याद ही होगा, ये भी साल 2008 में ही हुआ था। इसके अलावा 2008 में 20 से भी ज्यादा जगहों पर बम ब्लास्ट के मामले सामने आए थे। इनमें से एक था मालेगांव का बम अटैक, जिसमें 6 लोग मारे गए थे और 101 लोग घायल हो गए थे। शुरुआत में इस बम ब्लास्ट के पीछे भी पाकिस्तान और इस्लामिक देशों का हाथ लग रहा था, लेकिन जब जांच हुई तो ATS ने हिंदू चरमपंथी से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, जिसमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित जैसे नाम शामिल थे।
बम ब्लास्ट में एक वाहन का इस्तेमाल किया गया था जिसमें बम रखा था। ये दावा किया गया कि वो बाइक साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की थी। 2011 में इस केस की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को सौंपी गई। 2016 में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ सबूत न मिलने पर 2017 में उन्हें जमानत दे दी गई। 2019 में उन्होंने चुनाव जीता और वह भोपाल की सांसद बन गईं। और इसी के साथ आज 31 जुलाई को इस केस पर फैसला आया और NIA ने इस केस से जुड़े सभी आरोपी, जिनमें प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर धर द्विवेदी शामिल थे, सबको बरी कर दिया।
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर?
प्रज्ञा ठाकुर का जन्म 2 फरवरी 1970 को मध्यप्रदेश के भिंड में हुआ था। उनके पिता चंद्रपाल सिंह, जो कि एक आयुर्वेदिक चिकित्सक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने भिंड के ही लहार कॉलेज से अपनी पढ़ाई पूरी की, जिसके बाद वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में शामिल हो गईं। वह बजरंग दल की शाखा दुर्गा वाहिनी की सदस्य भी रहीं। 1997 में उन्होंने ABVP को छोड़ दिया। 2019 से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई जब उन्होंने बीजेपी पार्टी को ज्वाइन किया। 2019 के चुनाव में उन्हें भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार घोषित किया गया।