आज देशभर में मनाया जा रहा अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस
भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 2025 के अवसर पर देशभर के टाइगर रिजर्व में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया है. 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान और प्लास्टिक मुक्त टाइगर रिजर्व अभियान के माध्यम से बाघों के संरक्षण को बढ़ावा दिया जाएगा.

भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) ने 29 जुलाई 2025 को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस को देशभर के सभी टाइगर रिजर्व में खास अंदाज में मनाने का फैसला किया है. इस साल बाघों के संरक्षण और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए दो प्रमुख अभियान चलाए जाएंगे, जिनमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई है.
एक पेड़ मां के नाम
इस अभियान के तहत प्रत्येक टाइगर रिजर्व के बफर जोन एवं आस-पास के गांवों में स्थानीय समुदायों और स्टाफ की सहभागिता से 2000 देसी पौधे रोपे जाएंगे. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री द्वारा सुबह 9 बजे वर्चुअल उद्घाटन किया जाएगा.
प्लास्टिक मुक्त टाइगर रिजर्व
दूसरे अभियान के तहत सभी टाइगर रिजर्व को प्लास्टिक फ्री जोन के रूप में विकसित किया जाएगा. इस पहल से बाघों का प्राकृतिक आवास और भी सुरक्षित और स्वच्छ बनेगा.
इन पहलों का महत्व
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस बाघों के संरक्षण और उनके आवासों की रक्षा के लिए वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है. बाघों की संख्या बढ़ाने और उनके संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए यह दिन महत्वपूर्ण है. देश में बाघों की संख्या में सुधार हुआ है, और यह आयोजन पर्यावरणीय जागरूकता के साथ-साथ जनभागीदारी को भी बढ़ावा देगा.