हाई कोर्ट ने रोक दी नई प्रमोशन पॉलिसी, 16 सितंबर को अगली हियरिंग

मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण के मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है. राज्य सरकार ने इस मामले में अपना जवाब कोर्ट में पेश किया है. सरकार ने अपनी पुरानी और नई प्रमोशन पॉलिसी में क्या अंतर है, इसे विस्तार से बताया. हालांकि याचिकाकर्ताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसका जवाब अधूरा और असंगत है.
प्रमोशन में आरक्षण को लेकर विवाद
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सरकार ने क्रीमी लेयर और क्वांटिफायबल डेटा के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है. ये दोनों बातें प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसलिए याचिकाकर्ता चाहते हैं कि सरकार इस पर स्पष्ट और सटीक जानकारी दे.
अंतरिम राहत की मांग
हाईकोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद तय की है. साथ ही 16 सितंबर को हाईकोर्ट इस मामले में अंतरिम राहत देने पर विचार भी कर सकती है. राज्य सरकार ने भी कोर्ट से अंतरिम राहत की मांग की है, ताकि वो नई प्रमोशन पॉलिसी को लागू कर सकें.
नई प्रमोशन पॉलिसी पर रोक
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से एक अंडरटेकिंग भी ली है, जिसके तहत सरकार ने नई प्रमोशन पॉलिसी को तब तक लागू नहीं करने का वादा किया है, जब तक कोर्ट इस मामले में अंतिम फैसला नहीं दे देता. इसका मतलब ये है कि फिलहाल नई पॉलिसी को रोक दिया गया है. सरकार की नई प्रमोशन पॉलिसी में कुछ बदलाव किए गए हैं, जो कर्मचारी वर्ग में आरक्षण के नियमों को प्रभावित कर सकते हैं.