Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में Gen-Z प्रदर्शन का असली मकसद सोशल मीडिया नहीं ये है
नेपाल में चल रहे सरकार विरोधी आंदोलन ने मंगलवार को बड़ा मोड़ ले लिया, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. सोमवार 8 सितंबर को 19 प्रदर्शनकारियों की पुलिस की गोली से मौत के बाद आंदोलन बेकाबू हो गया

Nepal Gen-Z Protest: नेपाल में चल रहे सरकार विरोधी आंदोलन ने मंगलवार को बड़ा मोड़ ले लिया, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. सोमवार 8 सितंबर को 19 प्रदर्शनकारियों की पुलिस की गोली से मौत के बाद आंदोलन बेकाबू हो गया. जिसके बाद सरकार झुकी और ओली सरकार ने सोशल मीडिया से बैन तो हटा दिया था. लेकिन प्रदर्शनकारी फिर भी सड़कों पर डटे रहे. अब खबरे ऐसी भी सामने आ रही है कि आंदोलन भड़कने का मतलब कारण सिर्फ सोशल मीडिया बैन बल्कि और कुछ और कारक रहे, जिसने लोगों को खासतौर पर युवाओं को सत्ता विरोधी आंदोलन के लिए तैयार किया.कहा जा रहा है कि जनता में दबे हुए गुस्से का जबरदस्त उभार सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार और सत्ता में बैठे लोगों के बच्चों को मिलने वाले , अनुचित लाभ से जुड़ा है.
इसको समझने के लिए सोमवार 8 सितंबर से कुछ दिन पहले जाना होगा. आंदोलन के कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर #NepoBaby, #NepoKids, और #PoliticiansNepoBabyNepal जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे थे. इन हैशटैग्स के ज़रिए लोग यह दिखा रहे थे कि कैसे आम युवा बेरोजगारी और गरीबी से जूझ रहे हैं, जबकि नेताओं के बच्चे विदेशों में ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे हैं. आंदोलन के दौरान एक युवक की तख्ती पर लिखा था "नेताओं के बच्चे विदेश से गुच्ची बैग लेकर लौट रहे हैं और जनता के बच्चे ताबूतों में।"
यह लाइन पूरे आंदोलन का प्रतीक बन गई.
नेपाल के युवाओं में भारी गुस्सा
नेपाल में गरीबी और बेरोजगारी को लेकर युवाओं में भारी गुस्सा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 15 से 29 साल के करीब 19.2% युवा बेरोजगार हैं. रोज़गार की तलाश में कई नेपाली युवक विदेश जा चुके हैं, यहां तक कि कुछ रूस-यूक्रेन युद्ध में भाड़े के सैनिक बनकर लड़ने को मजबूर हुए. आंदोलन में उठाई गई लाइन नेताओं के बच्चे विदेश से गुच्ची बैग लेकर लौट रहे हैं और जनता के बच्चे ताबूतों में शायद उन्हीं मृत नेपाली युवाओं की वतन वापसी पर तंज था.
बीते दिनों नेपाल में सोशल मीडिया पर #NepoBaby जैसे हैशटैग्स के ज़रिए नेताओं के बच्चों की विदेशों में लग्जरी लाइफस्टाइल को उजागर किया गया. पोस्ट्स में दिखाया गया कि जहां आम नेपाली युवा बेरोजगारी, गरीबी और संघर्ष से जूझ रहे हैं, वहीं नेता-पुत्र विदेशों में ऐश कर रहे हैं. Reddit पर एक यूजर ने लिखा कि ये बच्चे जनता के टैक्स से बनी दौलत पर ऐश कर रहे हैं, इसलिए जनता को चाहिए कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट्स और तस्वीरें सेव कर ले, ताकि सच्चाई छुपाई न जा सके.
अशीम मान सिंह बसन्यात, एक टैक्सी कंपनी के डायरेक्टर ने कहा, "ये नफरत नहीं, जवाबदेही है. प्रदर्शन में पीएम केपी शर्मा ओली, पूर्व पीएम शेर बहादुर देउबा और पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के परिवार निशाने पर रहे. समाजशास्त्री दीपेश घिमिरे के मुताबिक, जेन Z ने भ्रष्टाचार को नए नजरिए से देखा. अब संपत्ति नहीं, बल्कि जीवनशैली को असमानता का प्रतीक माना जा रहा है. इस गुस्से के बीच जब सरकार ने सोशल मीडिया बैन लगाया, तो यह आग में घी जैसा साबित हुआ। जेन-जी ने इसे अपनी आवाज़ दबाने की कोशिश माना और बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए. आख़िरकार, जनता के बढ़ते दबाव और विरोध के चलते प्रधानमंत्री ओली को इस्तीफा देना पड़ा.