भारत में पहली बार Digital जनगणना, MP में होगा app का सबसे पहला ट्रायल

देश में पहली बार होगी डिजिटल जनगणना ऐप होगा लॉन्च MP में फरवरी से डेढ़ लाख कर्मचारी जुटेंगे काम में प्रदेश के 3 जिलों में प्री टेस्ट भी

भारत में पहली बार Digital जनगणना,  MP में होगा app का सबसे पहला ट्रायल

साल 2026-27 में देश में पहली बार डिजिटल जनगणना होगी। जनगणना निदेशालय इसके लिए एप लॉन्च करेगा। यह एप एंड्राइड-आईफोन दोनों के लिए होगा। परिवार का मुखिया इसमें अपने घर-परिवार की जानकारी खुद भर सकेगा। एप पर डिटेल भरने के बाद जनगणना अधिकारी घर जाकर जानकारी क्रॉस चेक करेंगे। इसके बाद उसे डिजिटल फॉर्म पर अपलोड किया जाएगा। जनगणना में शामिल कर्मचारी को 150-175 मकानों की जिम्मेदारी होगी। जनगणना शुरू होने से पहले प्रदेश के 3 जिलों में इसका प्री टेस्ट होगा। गड़बड़ी रोकने प्रदेश की सभी प्रशासनिक सीमाओं को 31 दिसम्बर 2025 की स्थिति में फ्रीज करने का फैसला लिया गया है।

2 चरणों में होगी जनगणना

जनगणना 2026 और 2027 में दो चरणों में होगी। पहला चरण 1 अप्रैल 2026 से शुरू होगा, जिसमें मकानों की गिनती की जाएगी। दूसरा चरण 1 फरवरी 2027 से शुरू होगा, जिसमें लोगों की जनसंख्या, जाति और बाकी जरूरी जानकारियां जुटाई जाएंगी। इसके लिए 16 जून 2024 को सरकारी अधिसूचना जारी की गई है। यह आजादी के बाद भारत की 8वीं और कुल 16वीं जनगणना होगी।

34 लाख कर्मचारियों को दी जाएगी ट्रेनिंग

इतने बड़े काम के लिए सरकार ने देशभर में करीब 34 लाख लोगों को नियुक्त किया है। इन कर्मचारियों को तीन स्तरों पर ट्रेनिंग दी जाएगी। पहले राष्ट्रीय ट्रेनर, फिर मास्टर ट्रेनर और आखिर में फील्ड ट्रेनर इन्हें तैयार करेंगे। हर गांव और शहर को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा जाएगा और हर हिस्से के लिए एक कर्मचारी जिम्मेदार होगा। इससे कोई भी घर या व्यक्ति गिनती से न छूटे।

फरवरी 2026 तक डेढ़ लाख कर्मचारियों की तैनाती होगी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद प्रदेश में जनगणना को लेकर प्रशासनिक हलचल शुरू हो गई है। जनगणना निदेशालय ने राज्य सरकार को प्रशासनिक सीमाएं फ्रीज करने का पत्र भेजा है। इसके बाद गृह विभाग ने संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। फरवरी 2026 में पहले राउंड में पूरे प्रदेश में डेढ़ लाख कर्मचारियों की तैनाती होगी। 20 दिन में डिजिटल जनगणना का काम पूरा किया जाएगा। इसके बाद आंकड़ों को मिलाकर जनगणना आयुक्त को भेजा जाएगा। इस बार पूरी जनगणना डिजिटली होगी।

 डिजिटली सवाल-जवाब में भरी जाएगी जानकारी

 MP जनगणना निदेशालय की निदेशक भावना वालिम्बे ने बताया कि जनगणना के लिए एप के जरिए परिवारों से पूरी डिटेल भरवाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए क्वेस्चनेर (प्रश्नावली) बनाई जा रही है। इसमें हर सदस्य का नाम, पारिवारिक स्थिति, घर-संपत्ति का ब्यौरा और रोजगार की जानकारी शामिल रहेगी। गड़बड़ी रोकने के लिए क्रॉस चेक का इंतजाम भी रहेगा। अधिकारी घर-घर जाकर डिजिटल फॉर्म में भरी गई जानकारी की जांच करेंगे।

3 जिलों में जनगणना का होगा प्री टेस्ट

जनगणना शुरू करने से पहले केंद्र सरकार देशभर में प्री टेस्ट कराएगी। हर राज्य के 3 जिलों में यह अभियान चलेगा, सघन आबादी, वन क्षेत्र और आदिवासी इलाका शामिल होगा। मध्यप्रदेश में इसके लिए ग्वालियर, रतलाम और सिवनी जिलों का चयन किया गया है। यहां अक्टूबर से नवंबर माह के बीच 15 दिन का अभियान चलेगा। इसमें जनगणना और हाउस गणना का काम किया जाएगा। फील्ड में आने वाली चुनौतियों की रिपोर्ट प्रदेश का जनगणना निदेशालय तैयार करेगा। इसके बाद यह रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जाएगी। मंत्रालय इस आधार पर फाइनल जनगणना शीट तैयार करेगा।

31 दिसंबर के बाद प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव नहीं

भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त ने राज्य सरकार को पत्र भेजा है। पत्र में लिखा है कि प्रदेश में प्रशासनिक सीमाओं में जो भी बदलाव करना है, वह 31 दिसंबर 2025 तक पूरा करना होगा। 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक सीमाएं फ्रीज रहेंगी और इस दौरान कोई भी बदलाव मान्य नहीं होगा। राज्य सरकार को अक्टूबर तक बदलाव पूरे करने होंगे। दरअसल, सीमाओं में बदलाव के बाद नोटिफिकेशन और अन्य प्रक्रियाओं में वक्त लग जाता है। बदलाव जिले, तहसील, राजस्व ग्राम, वन ग्राम, नगरीय निकाय, उनके वार्ड और ग्राम पंचायत की सीमाओं में किया जा सकता है। लेकिन अगर 31 दिसंबर 2025 के बाद बदलाव हुआ तो उसे जनगणना में शामिल नहीं किया जाएगा।

राज्य शासन ने 4 विभागों को दिए निर्देश

 जनगणना आयुक्त के पत्र के बाद प्रदेश के गृह विभाग ने प्रशासनिक सीमाओं के बदलाव को लेकर चार विभागों को पत्र लिखा है। इसमें नगरीय विकास एवं आवास, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और राजस्व विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि वे तय समय सीमा में बदलाव की प्रक्रिया पूरी करें। दरअसल, सीमाओं में बदलाव की कार्रवाई इन्हीं विभागों से जुड़ी होती है। यह काम शहरी, ग्रामीण, वन और राजस्व क्षेत्रों में होता है। गृह विभाग ने इसके लिए संबंधित विभागों को पत्र भेजने के साथ जनगणना आयुक्त को भी जानकारी दे दी है।

 एक कर्मचारी को 175 मकानों की जिम्मेदारी

 जनगणना 2026 में हर कर्मचारी को 150 से 175 मकानों का सर्वे करना होगा। उन्हें डिजिटल फॉर्मेट में डेटा भरना होगा। इस बार डिजिटली जनगणना होने के चलते पहले से कम समय में पूरी होगी। तैयार रिपोर्ट राज्य स्तर पर कम्पाइल होकर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी