केंद्रीय कृषि मंत्री ने दी सख्त हिदायत,किसानों को भुगतान होने में नहीं होनी चाहिए देरी
नई दिल्ली कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज देश के कृषि क्षेत्र की समीक्षा बैठक की। उन्होंने चना, मसूर, उड़द और अरहर जैसी दलहनी फसलों की सुनिश्चित खरीद और समय पर भुगतान पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को उपज का मूल्य समय पर मिले, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए।

नई दिल्ली. कृषि भवन में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज देश के कृषि क्षेत्र की समीक्षा बैठक की। बैठक में मंत्री ने चना, मसूर, उड़द और अरहर जैसी दलहनी फसलों की सुनिश्चित खरीद और समय पर भुगतान पर विशेष जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों को उपज का मूल्य समय पर मिले, इसकी पुख्ता व्यवस्था की जाए।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने एक्स पर की पोस्ट
आज नई दिल्ली में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समग्र कृषि क्षेत्र की प्रगति के संबंध में साप्ताहिक समीक्षा बैठक की।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) May 12, 2025
बैठक में चना, मसूर, उड़द एवं अरहर की खरीद प्रक्रिया और किसानों को उनकी उपज का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने पर विस्तृत चर्चा हुई।… pic.twitter.com/MjQpB8RdS8
इसके साथ ही, उन्होंने चावल और गेहूं के स्टॉक की जानकारी साझा करते हुए संतोष व्यक्त किया कि दोनों प्रमुख फसलों का भंडार बफर मानकों से कहीं अधिक है। चावल का वास्तविक स्टॉक 135.80 एल.एम.टी. के बफर मानक के मुकाबले 389.05 एल.एम.टी है. गेहूं का वास्तविक स्टॉक 74.60 एल.एम.टी. के बफर मानक के मुकाबले 177.08 एल.एम.टी. है। इस प्रकार, चावल व गेहूं का वास्तविक स्टॉक 210.40 एल.एम.टी. के बफर मानक के मुकाबले 566.13 एल.एम.टी. है। गेहूं के लिए प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व बिहार हैं।
फसलों की उपज में हुई प्रगति
केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान की बैठक में आला अधिकारियों ने बताया कि धान, दलहन, श्री अन्न-मोटे अनाज व तिलहन की उपज में प्रगति हुई है। ग्रीष्मकालीन बुआई के मौसम में 2 मई तक धान की बुआई में पिछले वर्ष की तुलना में 3.44 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। धान की बुआई वर्ष 2023-24 के 28.57 लाख हेक्टेयर से बढ़कर वर्ष 2024-25 में 32.02 लाख हेक्टेयर हो गई है, वहीं दलहन की बुआई में भी 2.20 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। दलहन की बुआई वर्ष 2023-24 के 18.47 लाख हेक्टेयर की तुलना में वर्ष 2024-25 में 20.67 हो गई है। मूंग व उड़द के रकबे में भी 2 मई 2025 तक क्रमशः 1.70 लाख हेक्टेयर और 0.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है।
आलू-प्याज की बुआई का बड़ा रकबा
अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री को रबी मौसम के लिए प्रमुख उत्पादक राज्यों में प्याज, आलू और टमाटर की बुआई की स्थिति की भी जानकारी दी। इसमें बताया गया कि 2023-24 की तुलना में 2024-25 में प्याज व आलू की बुआई में वृद्धि हुई है। प्याज की बुआई में 2.82 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो 2023-24 के 9.76 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 2024-25 में 12.58 लाख हेक्टेयर हो गई है। वहीं आलू के बुआई क्षेत्रफल में भी 0.47 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। आलू बुआई का क्षेत्रफल समान अवधि में 19.56 से बढ़कर 20.03 हो गया है।