विद्युत अधिनियम के दो मामलों में आरोपी दोषमुक्त, विशेष न्यायालय का फैसला

रीवा स्थित विशेष न्यायालय विद्युत अधिनियम ने बड़ा गांव निवासी अरुनेन्द्र सिंह को विद्युत चोरी के दो मामलों में दोषमुक्त करार दिया है। अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य अपर्याप्त पाए जाने के कारण न्यायालय ने यह निर्णय सुनाया। दोनों मामले 2015 में दर्ज हुए थे और आरोपी पर विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत आरोप लगाए गए थे।

विद्युत अधिनियम के दो मामलों में आरोपी दोषमुक्त, विशेष न्यायालय का फैसला

 विशेष न्यायालय विद्युत अधिनियम, रीवा ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में अरुनेन्द्र सिंह पिता रामदेव सिंह, निवासी बड़ा गांव, थाना सेमरिया को विद्युत अधिनियम के अंतर्गत दर्ज दो अलग-अलग मामलों में दोषमुक्त कर दिया है। यह निर्णय दोनों मामलों की विस्तृत सुनवाई के उपरांत सुनाया गया, जिसमें आरोपी के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य नहीं पाए गए।

बता दे मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड, के कार्यपालन अभियंता (पश्चिम संभाग, रीवा) द्वारा आरोपी अरुनेन्द्र सिंह के विरुद्ध विद्युत अधिनियम की धारा 135 के तहत दो अलग-अलग तिथियों में प्रकरण दर्ज किए गए थे। पहला मामला अपराध क्रमांक 319/15, अंतर्गत प्रकरण क्रमांक 195/16, दूसरा मामला अपराध क्रमांक 1014/15, अंतर्गत प्रकरण क्रमांक 179/16 के रूप में पंजीबद्ध किया गया था।

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दोनों ही मामलों में विद्युत चोरी एवं अनियमितता के आरोप लगाए गए थे और उन्हें विशेष न्यायालय विद्युत अधिनियम, रीवा में प्रस्तुत किया गया। विशेष न्यायालय के  न्यायाधीश द्वारा दोनों ही मामलों की गहराई से विवेचना की गई, जिसमें अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य अपर्याप्त पाए गए।

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फलस्वरूप न्यायालय ने आरोपी अरुनेन्द्र सिंह को दोनों मामलों में पूरी तरह दोषमुक्त घोषित कर दिया। आरोपी अरुनेन्द्र सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम सिंह एवं सहयोगी अधिवक्ता कृष्णेंद्र सिंह सेंगर ने न्यायालय में पैरवी की। उन्होंने न्यायालय के समक्ष यह स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया कि आरोप केवल संदेह के आधार पर लगाए गए है।