करहिया मंडी मे बवाल! खाद का इंतजार करते किसानो पर देर रात पुलिस ने बरसाई लाठियां
रीवा जिले की करहिया मंडी में मंगलवार को यूरिया खाद के लिए हजारों किसानों की भीड़ जमा हुई थी। प्रशासन की ओर से सिर्फ 1 हजार किसानों को ही टोकन वितरित किए गए थे, जिससे नाराज किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने स्थिति नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज किया, जिसमें कई किसान घायल हो गए। संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी दी है और मांग की है कि प्रशासन पर्याप्त खाद का इंतजाम करे।
ऋषभ पांडेय
रीवा जिले की करहिया मंडी में मंगलवार को यूरिया खाद के लिए हजारों किसानों की भीड़ जुटी, लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते हालात इतने बिगड़े कि देर रात पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
टोकन वितरण में अनियमितता, खाद की सीमित आपूर्ति और अधिकारियों की अनुपस्थिति से नाराज किसानों ने जब विरोध शुरू किया, तो पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए किसानों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा, लाठीचार्ज में कई किसान घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि जिले के मऊगंज, सिरमौर, हनुमना, त्योंथर और सेमरिया क्षेत्रों से आए हजारों किसान पिछले दो-तीन दिनों से खाद के लिए 24 से 48 घंटे तक लाइनों में लगे थे।

मंगलवार को करहिया मंडी में हालात तब बेकाबू हो गए जब टोकन वितरण के बाद भी दो तिहाई किसान खाली हाथ रह गए। नाराज किसानों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस ने मोर्चा संभाला और स्थिति नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया।
वही पूरे मामले में जनसंपर्क विभाग द्वारा बताया गया कि करहिया मंडी रीवा में एसडीएम हुजूर वैशाली जैन तहसीलदार यतीश शुक्ला तहसीलदार शिव शंकर शुक्ला तथा जिला प्रबंधक मार्कफेड शिखा वर्मा द्वारा खाद का वितरण कराया गया। अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी भी 2 घंटे तक किसानों के बीच रहकर खाद का वितरण कराती रही।

शाम के सयय कुछ किसानों ने आक्रोशित होकर खाद का वितरण कर रहे तहसीलदार नायब तहसीलदार और मार्कफेड के अधिकारियों को कमरे में बंद कर दिया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके इन्हें मुक्त कराया।
यहां किसी भी तरह का लाठी चार्ज नहीं किया गया। जिले भर में राजस्व अधिकारियों की निगरानी में खाद का वितरण किया जा रहा है।
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दिनभर इंतजार, रात को लाठीचार्ज
मिली जानकारी अनुसार बता दे मंगलवार को करहिया मंडी में करीब तीन हजार से ज्यादा किसान जमा हुए थे। प्रशासन की ओर से सिर्फ 1 हजार किसानों को ही रात के अंधेरे में टोकन वितरित किए गए थे। टोकन धारकों को आधार-बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद खाद की पर्ची दी गई, लेकिन उस पर भी 5 बोरी के स्थान पर हाथ से 3 बोरी का ही आवंटन दर्ज किया गया।

बाकी किसान लाइन में लगे रहे, टोकन पाने की उम्मीद में।रात होते-होते जब काउंटर बंद कर दिया गया और कर्मचारियों ने किसानों से अभी खाद नहीं मिलेगी, घर जाएं कह दिया, तो किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।
पुलिस बल ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां भांजीं। इसमें कई किसान घायल हो गए। भीड़ में महिलाएं, बुजुर्ग और विकलांग किसान भी शामिल थे, जो अफरा-तफरी में इधर-उधर भागते देखे गए।

खाद नहीं, टोकन नहीं, पर लाठी जरूर मिली
विकलांग किसान राजकुमार पटेल, जो बैसाखी के सहारे चल रहे हैं, ने बताया कि वे सुबह 6 बजे से लाइन में लगे थे लेकिन टोकन तक नहीं मिला। उन्होंने कहा हमने उम्मीद की थी कि अब खाद मिल जाएगी, लेकिन अब तो लाठियां मिल रही हैं। क्या यही है किसानों का सम्मान?
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वहीं एक महिला किसान ने कहा, मालूम नहीं चलता कि टोकन कब बंटता है। हम दिनभर लाइन में रहते हैं और शाम को कहा जाता है कि टोकन तो रात में बंटे थे। कोई जानकारी नहीं मिलती।

अधिकारियों की गैरहाजिरी से और बिगड़े हालात
घटना के दौरान मौके पर तहसीलदार सहित कुछ प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मौजूद थे, लेकिन उनकी उपस्थिति भी किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं कर सकी। अव्यवस्थाओं का आलम यह था कि एक ही काउंटर से सारा वितरण किया जा रहा था।
तेज धूप और उमस में न तो किसी प्रकार की छांव की व्यवस्था थी और न ही पेयजल का इंतजाम। तकनीकी युग में भी खाद वितरण की प्रक्रिया बेहद धीमी और अव्यवस्थित नजर आई। अगर प्रशासन द्वारा पर्याप्त काउंटर, टेंट और जानकारी की सुविधा उपलब्ध कराई जाती, तो इस स्थिति से बचा जा सकता था।

संयुक्त किसान मोर्चा ने दी आंदोलन की चेतावनी
खाद समस्या को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन की चेतावनी दी है। मोर्चा के नेता शिव सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों के बायोमेट्रिक अंगूठे लगाकर 5 बोरी खाद की रसीद काटी जा रही है. फिर हाथ से लिखकर 3 बोरी दी जा रही है. जो बड़ी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है।
मोर्चा के नेताओं ने चेतावनी दी है कि जिले के किसानों के साथ छलावा किया गया तो उग्र आंदोलन होगा। शिव सिंह ने बताया कि मोर्चा ने यह निर्णय लिया है कि एक हफ्ते में अगर प्रशासन पर्याप्त खाद का इंतजाम नहीं करता तो मंडी परिसर में आंदोलन चलाया जाएगा।

संभागायुक्त को संबंधित नायब तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में इसकी सूचना दी गई है। इस दौरान नेता रामजीत सिंह, सुब्रतमणि, लालमणि त्रिफटती इंद्रजीत सिंह, विश्वनाथ, सोभनाथ कुशवाहा, मानसिंह, अशोक चतुर्वेदी, घनश्याम सिंह, संजय निगम आदि मौजूद रहे।
मऊगंज जिले में हालत और भी दयनीय, किसान परेशान
मऊगंज में खाद के लिए किसान दर-दर की ठोकर खा रहा है एक हफ्ते बाद वेयरहाउस यानी विपरण केंद्र मऊगंज में खाद पहुंची जहां खाद के लिए किसानों का हुजूम उमर पाड़ा, महिला पुरुष हजारों की संख्या में किसान एक बैग खाद के लिए खुले आसमान के नीचे भूखे प्यासे बैठे रहे.

वही दिन भर बैठने के बाद भी अधिकतर किसानों को खाद नहीं मिली खाद की समस्या जिस तरह से क्षेत्र में है उसके अनुसार शासन प्रशासन द्वारा ध्यान न दिए जाने से क्षेत्र के किसानों में भारी आक्रोश का माहौल बना हुआ है लोगों का कहना है कि झूठे वायदे किए जा रहे हैं बेहतर व्यवस्था के नाम पर लुभावने आश्वासन दिए जाते हैं,
लेकिन अन्नदाता परेशान है और खेतों में छिड़काव हेतु यूरिया नहीं मिल पा रही है। नगद खाद समितियो में नही दी जा रही, वही व्यापारी मंहगे दाम पर खाद दे रहे है।
Saba Rasool 
