मॉडल साइंस कॉलेज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम आयोजित, छात्रों को दी गई विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण जानकारी
उच्च शिक्षा विभाग और लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे उमंग उच्च शिक्षा हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम के अंतर्गत मॉडल साइंस कॉलेज रीवा में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं स्क्रीनिंग विषय पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।

रीवा । उच्च शिक्षा विभाग एवं लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से उमंग उच्च शिक्षा हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। इसी क्रम में मॉडल साइंस कॉलेज रीवा में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता एवं स्क्रीनिंग विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ रविन्द्रनाथ तिवारी ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस अवसर पर प्राचार्य ने बताया कि उमंग उच्च शिक्षा हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम की गतिविधियों से छात्रों का स्वास्थ्य बेहतर होगा।
वे शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य होंगे और बेहतर भविष्य का निर्माण करेंगे। इन गतिविधियों को सभी महाविद्यालयों में संचालित किया जायेगा। जिला शीघ्र हस्तक्षेप प्रबन्धक सह जिला समन्वयक आरएसके विष्णु प्रताप सिंह ने उमंग उच्च शिक्षा हेल्थ एवं वेलनेस कार्यक्रम के उद्देश्य एवं गतिविधियों के बारे जानकारी दीI
स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डॉ के बी गौतम ने बताया कि बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रखना बहुत जरूरी है। बच्चों में किसी भी तरह की मानसिक समस्या होने पर तत्काल जिला अस्पताल के मानसिक रोग विभाग कक्ष में निःशुल्क परामर्श प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मानसिक और भावनात्मक समस्या महसूस होने पर टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 14416 अथवा 1800 891 4416 पर किसी भी समय कॉल कर निःशुल्क परामर्श प्राप्त किया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग से विषय विशेषज्ञ डॉ रोबिन गोयल मानसिक रोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल रीवा के माध्यम से विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।
उन्होंने बताया कि चिंता, डिप्रेसन, तनाव, आत्महत्या संबधी आचरण, नींद नही आना, जी घबराना, खुशी की लगातार अनुभूति, कंपकंपी, क्रोध, भय, उदासी आदि लक्षण होने पर तत्काल मनोरोग विशेषज्ञ से सलाह लें। कार्यक्रम में डॉ सुनील अवस्थी नोडल अधिकारी एनसीडी ने असंचारी रोग के लक्षणों को पहचानने एवं सजग जागरूक रहने के लिए तौर तरीके बताए।
उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी दैनिक गतिविधि एवं आदत व्यवहार को सुव्यवस्थित कर लें तो सजग रहकर समय से पहचान और समय से इलाज लेकर पूरी तरह से बेहतर स्वास्थ्य रखा जा सकता है। नियमित मूल्यांकन, एक्सरसाइज, योगाभ्यास, मेडिकेशन, खानपान एवं रहन सहन में सुधार कर असंचारी रोग जैसे डायबिटीज, कैंसर, हार्ट स्ट्रोक, फैटी लिवर आदि बीमारियों से बचा जा सकता है l
कार्यक्रम में अलका सिंह उमंग काउंसलर ने माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि माहवारी के दौरान सेनेटरी पैड का इस्तेमाल, साफ सफाई का ध्यान रखना चाहिए। कार्यक्रम में आराधना गुप्ता क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट का सहयोग रहा।कार्यक्रम का संचालन डॉ शालिनी कुंदेर प्राध्यापक द्वारा किया गया l कार्यक्रम में प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।