मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में रजिस्ट्रेशन शुरू, आपके लिए सुनहरा मौका, ऐसे करें अप्लाई

मध्य प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना' के तहत पंजीयन शुरू हो गए हैं. इस योजना का उद्देश्य 18 से 29 वर्ष के उन युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिन्होंने कम से कम 12वीं, आईटीआई या स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो.

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में रजिस्ट्रेशन शुरू, आपके लिए सुनहरा मौका, ऐसे करें अप्लाई
मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना

मध्य प्रदेश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना' के तहत पंजीयन शुरू हो गए हैं. इस योजना का उद्देश्य 18 से 29 वर्ष के उन युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है, जिन्होंने कम से कम 12वीं, आईटीआई या स्नातक की डिग्री प्राप्त की हो. उद्योगों की मांग के अनुसार सीधे प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिल सकें. प्रशिक्षण पूरा होने पर युवाओं को मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र मिलेगा जिससे उन्हें सीधे उद्योग से जुड़ने में मदद मिलेगी. 

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में रजिस्ट्रेशन शुरू

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं. इसका उद्देश्य युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. योजना के तहत 18 से 29 साल के युवाओं को उनकी रुचि और योग्यता के हिसाब से कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसके दौरान उन्हें 8,000 से 10,000 तक का स्टाइपेंड मिलेगा.

किसको मिलेगा योजना का लाभ

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना का लाभ केवल वही युवा ले सकते हैं जो मध्यप्रदेश के स्थाई निवासी हों और जिन्होंने न्यूनतम 12वीं, आईटीआई या उससे उच्च स्तर की शिक्षा प्राप्त की हो. प्रशिक्षण के दौरान मिलने वाले स्टाइपेंड का 75% हिस्सा राज्य सरकार द्वारा और शेष 25% संबंधित प्रतिष्ठान द्वारा वहन किया जाएगा.

प्रमाण पत्र भी मिलेगा 

जिला प्रशासन के अनुसार, योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण पूरा करने वाले युवाओं को एक मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, जो उन्हें रोजगार प्राप्त करने में सहायक होगा. युवा अपनी रुचि और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर कोर्स और प्रशिक्षण संस्था का चयन स्वयं कर सकते हैं.

योजना का उद्देश्य क्या है

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को उद्योगों की आवश्यकतानुसार प्रशिक्षित कर उन्हें सीधे रोजगार से जोड़ना है. यह पहल युवाओं को न केवल रोज़गार के बेहतर अवसर देती है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर और कौशलयुक्त भी बनाती है.