मंत्री शुक्ला के वायरल पत्र पर संगठन सख्त, PA को हटाया
कटनी जिले में दो दशक से बंद पड़ी आयरन ओर, लाइम स्टोन और बॉक्साइट की विवादित खदानों को दोबारा शुरू कराने को लेकर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला का एक सिफारशी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

कटनी जिले में दो दशक से बंद पड़ी आयरन ओर, लाइम स्टोन और बॉक्साइट की विवादित खदानों को दोबारा शुरू कराने को लेकर नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला का एक सिफारशी पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. ये पत्र मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को लिखा गया था. इसमें खनन पट्टाधारी आनंद गोयनका के पक्ष में सिफारिश की गई थी. मंत्री के वायरल पत्र पर संगठन सख्त हो गया है. प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला से वायरल पत्र के मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. जिसको लेकर मंत्री राकेश शुक्ला ने पत्र के लिए अपने व्यक्तिगत सहायक (PA) को जिम्मेदार ठहराया. संगठन के निर्देश पर PA को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है.
वायरल पत्र में उल्लेख है कि झिन्ना और हरैया गांव में आनंद गोयनका को 25 साल पहले खनिज पट्टा स्वीकृत हुआ था, जिसे कई न्यायालयों ने वैध ठहराया है. लेकिन, जिला प्रशासन अब तक उन्हें वैध खनन अधिकार जारी नहीं कर रहा. मंत्री शुक्ला ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि गोयनका के अभ्यावेदन की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाए. मंत्री ने जिन खदानों को लेकर पत्र लिखा है, वे पहले से ही विवादों में हैं. वर्ष 2017 से मध्य प्रदेश वन विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक एसएलपी लंबित है, जिसमें इन पहाड़ी क्षेत्रों को वन भूमि बताया गया है.