संस्कृति की जिंदगी में लौटी रौशनी, मुख्यमंत्री की पहल से बची जान,

संस्कृति को गंभीर हालत में एयर एंबुलेंस से मुंबई भेजकर सरकार ने करीब 30 लाख रुपये खर्च कर इलाज कराया। मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल से संस्कृति अब स्वस्थ होकर पढ़ाई में लौटने की तैयारी कर रही है।

संस्कृति की जिंदगी में लौटी रौशनी, मुख्यमंत्री की पहल से बची जान,

भोपाल:मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बार फिर अपनी संवेदनशीलता और मानवीयता का परिचय देते हुए इंदौर की 17 वर्षीय बेटी कुमारी संस्कृति वर्मा से शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया और उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली।मुख्यमंत्री ने संस्कृति को स्वस्थ होकर घर लौटने की बधाई दी और मुस्कुराते हुए कहा, "तुम्हारे चेहरे की मुस्कान से तो हमारी दीपावली आज ही हो गई।" मुख्यमंत्री ने उसे आगे की पढ़ाई जारी रखने और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह दी। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार हर संभव मदद करती रहेगी।संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने संस्कृति और उसके परिजनों को धनतेरस, रूपचौदस और दीपावली की शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहा कि "समय कठिन था, लेकिन अब संकट पूरी तरह टल गया है।"संस्कृति ने बातचीत में बताया कि वह पढ़ाई में काफी रुचि रखती है और भविष्य में सीए (चार्टर्ड अकाउंटेंट) बनना चाहती है। वह कॉमर्स के साथ एप्लाइड मैथ्स विषय लेकर पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे अगली बार इंदौर प्रवास के दौरान उससे व्यक्तिगत रूप से मिलने आएंगे।

सड़क हादसे से जिंदगी की जंग तक

गौरतलब है कि इंदौर के संगम नगर निवासी संस्कृति वर्मा, पुत्री अशोक वर्मा, 15 सितंबर 2025 को एयरपोर्ट रोड पर एक गंभीर सड़क दुर्घटना का शिकार हो गई थी। हादसे में उसके शरीर के बाएं हिस्से, विशेषकर हाथ और बांह में गंभीर चोटें आई थीं, जिससे उसकी जान भी खतरे में पड़ गई थी।इंदौर में शुरुआती इलाज के बाद जब स्थिति गंभीर बनी रही, तो डॉक्टरों की टीम ने उसे तत्काल मुंबई के बॉम्बे हॉस्पिटल भेजने की सिफारिश की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए त्वरित निर्णय लिया और कलेक्टर इंदौर को निर्देश दिए कि संस्कृति को एयर एंबुलेंस से एयरलिफ्ट कर शासन के खर्च पर मुंबई भेजा जाए।निर्देशों के पालन में तत्परता दिखाई गई और संस्कृति को तुरंत मुंबई शिफ्ट कर सर्जरी करवाई गई। इलाज के दौरान उसके हाथ को बचाने के लिए विशेष चिकित्सा की गई और फिजियोथैरेपी की सलाह के साथ अब उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

सरकार ने उठाया करीब 30 लाख रुपये का खर्च

संस्कृति के इलाज पर राज्य सरकार द्वारा लगभग 30 लाख रुपये का खर्च वहन किया गया। जिला प्रशासन और चिकित्सा विशेषज्ञों के अथक प्रयासों से आज संस्कृति फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट रही है! कक्षा 12वीं में पढ़ने वाली इस होनहार बेटी के जीवन में उजाला लाने के लिए सरकार और जिला प्रशासन ने अथक प्रयास कियामुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की यह मानवीय पहल, सिर्फ एक बेटी के जीवन में ही नहीं, बल्कि पूरे समाज में सरकार की संवेदनशीलता और तत्परता का उदाहरण बन गई है।