नहीं रहे लोक कलाकार पद्मश्री रामसहाय पांडे, दुनिया में दिलाई राई नृत्य को पहचान
बुंदेलखंड के राई नृत्य को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले महान लोक कलाकार पद्मश्री रामसहाय पांडे का 97 साल की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे।

Ramsahay Pandey Passed Away. बुंदेलखंड के राई नृत्य को पूरी दुनिया में पहचान दिलाने वाले महान लोक कलाकार पद्मश्री रामसहाय पांडे का 97 साल की उम्र में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह लंबे समय से बीमार थे और सागर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दुख जताया है।
साल 2022 में मिला पद्मश्री सम्मान
बता दें कि राम सहाय पांडे का जन्म सागर जिले के मड़धर पाठा गांव में 11 मार्च 1933 को हुआ था। इनके पिता लालजू पांडे किसान थे। राम सहाय पांडे ने 14 की उम्र में पहली बार एक मेले में राई नृत्य देखा थे। इस नृत्य को सम्मान दिलाने के लिए राम सहाय पांडे ने अपने पूरा जीवन समर्पित कर दिया। पांडे ने दुनिया कस कई देशों के बड़े मंचों पर राई नृत्य की प्रस्तुति दी। उनकी कोशिशों के कारण राई को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। रामसहाय पांडे ने जापान, हंगरी, फ्रांस और मॉरिशस जैसे देशों में राई नृत्य की शानदार प्रस्तुतियां दीं। उन्होंने बुंदेलखंड की लोककला को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई। राज्य स्तर पर उन्हें कई बार सम्मानित किया गया और अंततः 2022 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा गया।