BIG NEWS : OBC को 27% आरक्षण की राह अब पूरी तरह से साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी

प्रदेश में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को 27% आरक्षण देने की राह अब पूरी तरह से साफ हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को इस आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण की हरी झंडी दिखा दी है।

BIG NEWS : OBC को 27% आरक्षण की राह अब पूरी तरह से साफ, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी
image source : google

जबलपुर. प्रदेश में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को 27% आरक्षण देने की राह अब पूरी तरह से साफ हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 7 अप्रैल 2025 को इस आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया और पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27% आरक्षण की हरी झंडी दिखा दी है। साथ ही यूथ फॉर इक्वेलिटी संगठन की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लगाई स्पेशल लीव पिटीशन खारिज कर दी है।

2018 में राज्य सरकार ने लिया था ये फैसला

कमलनाथ सरकार ने साल 2018 में ओबीसी आरक्षण को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी कर दिया था। मगर, कमलनाथ सरकार के इस आदेश को चुनौती देने के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी। इसके साथ ही ओबीसी आरक्षण 27 फीसदी करने के समर्थन में भी याचिकाएं दायर की गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से जुड़े एक अन्य मामले में भी बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हाई कोर्ट के जस्टिस अरविंद धर्माधिकारी को केरल हाई कोर्ट ट्रांसफर करने की सिफारिश की है। यह फैसला कॉलेजियम की 20 मार्च, 24 मार्च और 3 अप्रैल 2025 को हुई बैठकों में लिया गया। सीजेआई संजीव खन्ना की अध्यक्षता में हुई इन बैठकों में तबादले को लेकर विचार-विमर्श किया गया था। 

वायरल हुआ पूर्व सीएम कमलनाथ का बयान

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ का ट्वीट वायरल हो रहा है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने लिखा कि- मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने में कोई न्यायिक अड़चन नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को सही मानते हुए यह स्पष्ट किया। कोर्ट ने कहा कि 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर कोई रोक नहीं हैं। उन्होंने आगे लिखा कि अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में 2019 में मैंने प्रदेश के ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनाया था। उसके बाद से बनी भाजपा की सरकार असंवैधानिक रूप से षडयंत्र रचकर लगातार ओबीसी को आरक्षण से वंचित कर रही है।