होर्मुज स्ट्रेट क्या है? ये दुनिया के लिए जरूरी क्यों है, जानिए भारत और दुनिया पर असर.

अमेरिका ने 22 जून को ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर हमला किया. इस हमले के बाद ईरान ने अमेरिकी बमबारी के जवाब में होर्मुज स्ट्रेट बंद करने की धमकी दी है. होर्मुज स्ट्रेट क्या है? इसके बंद हो जाने से बाकी देशों को क्या-क्या नुकसान होगा, चलिए समझते हैं.

होर्मुज स्ट्रेट क्या है? ये दुनिया के लिए जरूरी क्यों है, जानिए भारत और दुनिया पर असर.

अमेरिका ने 22 जून की सुबह 4:10 बजे ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर 7 B-2 बॉम्बर से ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान पर हमला किया.

इस हमले के बाद ईरान ने भी अमेरिका पर हमला किया और अब अमेरिका ने सीजफायर का ऐलान कर दिया है. लेकिन ईरान ने अमेरिकी बमबारी के जवाब में होर्मुज स्ट्रेट बंद करने की धमकी दी है.होर्मुज स्ट्रेट है क्या? इसके बंद हो जाने से बाकी देशों को क्या-क्या नुकसान होगा, साथ ही ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद करेगा या नहीं? चलिए समझते हैं.

होर्मुज स्ट्रेट है क्या?

दुनिया में जितना भी व्यापार होता है, वह समुद्र के रास्ते से ही होता है. बात करें क्रूड ऑयल की, तो क्रूड ऑयल का इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट भी समुद्र के रास्ते से ही होता है. इन रास्तों में होर्मुज स्ट्रेट सबसे प्रमुख है. यह एक संकरा जलमार्ग है, जिसकी चौड़ाई 33 किमी है. इसकी लंबाई करीब 167 किमी है. यह फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी से और आगे चलकर अरब सागर से जोड़ता है. इसके उत्तर में ईरान है, दक्षिण में ओमान और संयुक्त अरब अमीरात यानी UAE है. इसके आसपास देखें तो सभी तेल उत्पादक देश हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा क्रूड ऑयल का एक्सपोर्ट सऊदी अरब, इराक, रूस और अमेरिका करते हैं और यहीं से सबसे ज्यादा तेल का आयात-निर्यात किया जाता है. अगर यह रास्ता बंद कर दिया जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान उन देशों को होगा जो यहां से तेल का आयात-निर्यात करते हैं.

होर्मुज स्ट्रेट बंद हो जाता है तो क्या होगा, आइए जानते हैं?

जैसा कि हमने आपको बताया कि यह रास्ता उन देशों के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है जो तेल का व्यापार करते हैं. अमेरिका के एनर्जी इन्फॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन यानी कि EIA के अनुसार, दुनिया के कुल पेट्रोलियम का करीब 20% होर्मुज स्ट्रेट से ही होकर गुजरता है. इतना ही नहीं, हर दिन लगभग 1.78 करोड़ बैरल से 2.08 करोड़ बैरल कच्चा तेल और ईंधन इसी रूट से जाता है. भले ईरान इस मार्ग को बंद करने की बात कह रहा है, लेकिन इसी रूट से ईरान भी तेल की सप्लाई करता है. ईरान के अलावा दूसरे गल्फ देश जैसे इराक, कुवैत, सऊदी अरब और UAE भी इसी रास्ते से अपना ज्यादातर तेल निर्यात करते हैं, क्योंकि यह रूट उनके देश से पास पड़ता है. इन सब के अलावा अगर यह रास्ता बंद किया जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान चीन को हो सकता है, क्योंकि उसका 90% तेल इसी रास्ते से जाता है.

 होर्मुज स्ट्रेट बंद होने से भारत को क्या नुकसान होगा?

भारत कई देशों से कच्चा तेल खरीदता है, जिनमें मुख्य रूप से रूस, इराक, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), अमेरिका, कुवैत और कई अन्य देश शामिल हैं. लेकिन बीते कुछ सालों में भारत ने रूस से तेल के निर्यात को बढ़ाया है. 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार काफी बढ़ गया है. 2023-24 के वित्तीय वर्ष में, भारत ने रूस से लगभग 140 बिलियन डॉलर का तेल खरीदा, जो युद्ध से पहले की तुलना में 56 गुना अधिक है.

लेकिन बावजूद इसके भारत को होर्मुज स्ट्रेट के बंद होने से काफी नुकसान हो सकता है, क्योंकि भारत की 40% तेल की आपूर्ति इसी रास्ते पर निर्भर है. इतना ही नहीं, भारत ईरान से 20% तेल की आपूर्ति करता है. ऐसे में साफ है कि अगर ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद करता है तो भारत में तेल की कीमत में उछाल देखने को मिलेगा. देश में तेल और महंगा हो जाएगा. इसके साथ ही रूस इसका फायदा उठाएगा और भारत की रूस पर निर्भरता और बढ़ जाएगी.

क्या सच में ईरान इस मार्ग को बंद कर देगा?

ईरान-इजराइल के तनाव के बीच 22 जून को अमेरिका के हमले के बाद ईरान ने होर्मुज स्ट्रेट बंद करने का फैसला लिया है. बता दें कि ईरानी संसद ने होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन अभी तक ईरान ने यह क्लियर नहीं किया है कि वह यह रास्ता बंद करेगा या नहीं. जाहिर है, तनाव के बीच अपना प्रभुत्व जमाने के लिए ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद कर सकता है, क्योंकि इससे कई देश प्रभावित होंगे और वह यह चाहेगा कि इसी बहाने उसकी बात मान ली जाए. बता दें कि इस तरह की तनाव की स्थिति बनाना स्ट्रैटेजी ऑफ डिटरेंस यानी प्रतिरोध की रणनीति कहलाती है. यह किसी को कुछ करने से रोकने के लिए, उस काम को करने के बुरे परिणामों का डर पैदा करने की रणनीति है. ऐसा पहली बार नहीं जब ईरान ने इस तरह की रणनीति अपनाई हो. जब-जब ईरान का अन्य देशों से विवाद होता है, तब-तब ईरान होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने की धमकी देता रहता है. इस तरह देखा जाए तो होर्मुज स्ट्रेट का बंद होना न सिर्फ भारत पर बल्कि सभी देशों पर भारी पड़ेगा.