आउटसोर्स कर्मचारियों की गुहार, न्याय नहीं मिला तो इच्छा मृत्यु ही विकल्प
कलेक्ट्रेट पहुंचकर मीटर रीडरों सौपा ज्ञापन, न्याय की लगाई गुहार

ऋषभ पांडेय
रीवा विद्युत विभाग में वर्षों से सेवा दे रहे आउटसोर्स मीटर रीडरों ने मंगलवार को जिला प्रशासन के समक्ष एक बेहद मार्मिक मांग रखी। नौकरी से निकाले गए इन कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता, वे इच्छामृत्यु की अनुमति चाहते हैं,पिछले एक वर्ष से ये कर्मचारी लगातार विभागीय दफ्तरों और प्रशासनिक गलियारों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन किसी भी स्तर से सुनवाई न होने से निराश और टूट चुके हैं। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बिना किसी ठोस जांच या सुनवाई के, मात्र आरोपों के आधार पर सेवा से हटा दिया गया।
कर्मचारियों ने गंभीर आरोप लगाए कि विभाग ने जानबूझकर साजिश के तहत 50 से अधिक आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त कीं और उसके तुरंत बाद नए लोगों की भर्ती कर ली गई। उनका दावा है कि इस भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और लेन-देन किया गया है इन कर्मचारियों का कहना है कि शिकायतें संभागीय आयुक्त से लेकर वरिष्ठ विद्युत अधिकारियों तक की जा चुकी हैं, लेकिन अब तक न जांच हुई, न कार्रवाई। मांगों को लेकर ये कर्मचारी बीते कई दिनों से धरने पर भी बैठे हैं, लेकिन लगातार अनदेखी और बेरुखी ने उनकी उम्मीदें तोड़ दी हैं। कई कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति बदहाल हो चुकी है और वे कर्ज में डूबते जा रहे हैं ज्ञापन सौंपते हुए कर्मचारियों ने कहा कि जब कोई विकल्प शेष न रहे और न्याय के सभी दरवाजे बंद हो जाएं, तो जीवन छोड़ने की इजाजत ही अंतिम उपाय बनती है।
अधिकारियों पर गंभीर आरोप
इन कर्मचारियों का कहना है कि अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता स्तर के अधिकारियों ने उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। शोषण, मनमानी और संवेदनहीनता के कारण वे मानसिक रूप से भी असहाय महसूस कर रहे हैं।