उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग आज, शाम को आएगा रिजल्ट

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए 9 सितंबर यानि आज वोटिंग होनी है. चुनाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. मतदान संसद भवन के कमरा नंबर एफ-101, वसुधा में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा.

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग आज, शाम को आएगा रिजल्ट
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भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए 9 सितंबर यानि आज वोटिंग होनी है. चुनाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. मतदान संसद भवन के कमरा नंबर एफ-101, वसुधा में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा. वोटिंग खत्‍म होने के एक घंटे बाद शाम 6 बजे वोटों की गिनती शुरू होगी और रिजल्‍ट घोषित किया जाएगा. 

एनडीए की तरफ से सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन की ओर से उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी मैदान में हैं. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की देर शाम अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसकी वजह से ये चुनाव हो रहा है. इस चुनाव में एनडीए के पास चुनाव में जीत के लिए जरूरी 391 वोट से 31 वोट ज्यादा हैं. वहीं इंडिया ब्लॉक के पास 312 वोट हैं. 

कौन कर सकेगा वोटिंग

उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में संसद के दोनों सदनों- राज्‍यसभा और लोकसभा के सदस्य वोट डालते हैं. राज्यसभा के नामित सदस्य भी मतदान के पात्र होते हैं. 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (अभी 5 सीटें खाली), राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (अभी एक सीट खाली) शामिल हैं. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) हैं.

कैसे होगी वोटिंग

उपराष्ट्रपति चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व तरीके से होता है. मतदान गुप्त तरीके से सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम के जरिए होता है. मतपत्र सफेद रंग के होते हैं, जिसमें दो कॉलम रहते हैं. एक कॉलम में हिंदी और इंग्लिश में उम्मीदवारों के नाम और दूसरे कॉलम में वोट देने के लिए जगह खाली रहती है. खाली जगह पर वोटरों को अपनी प्राथमिकता 1,2... के रूप में दर्ज करनी होती है. ये हिंदी या अंग्रेजी में हो सकते हैं.

कैसे होगी वोटों की गिनती

जितने भी वोट डाले जाते हैं, उनमें सबसे पहले वैध मत छांटे जाते हैं.  उसके बाद, वैध मतों में पहली प्रायोरिटी वाले वोटों को गिना जाता है. यदि कोई उम्मीदवार को कुल वैध मतों के 50% से अधिक वोट मिल जाते हैं तो उसे विजयी मान लिया जाता है. यदि पहले राउंड में किसी को बहुमत नहीं मिलता तो सबसे कम वोट वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है. उसके वोटों को अगली प्राथमिकता के अनुसार दूसरे उम्मीदवारों को ट्रांसफर किया जाता है. ये प्रक्रिया तब तक दोहराई जाती है, जब तक किसी उम्मीदवार को बहुमत नहीं मिल जाता.