पाकिस्तान की आर्थिक नाकेबंदी की तैयारी में भारत
भारत ने पाकिस्तान की आतंकी फंडिंग पर रोक लगाने के लिए वर्ल्ड बैंक और FATF से सख्त कार्रवाई की मांग की है। भारत चाहता है कि पाकिस्तान को मिलने वाली आर्थिक मदद रोकी जाए और उसे फिर से FATF की 'ग्रे लिस्ट' में डाला जाए। यह कदम हालिया आतंकी हमलों और पाकिस्तान की दोहरी नीति को देखते हुए उठाया जा रहा है।

इसमें कोई दो राय नहीं की पाकिस्तान शुरू से ही आतंकवाद को पनाह देता रहा है. देश की आर्थिक स्थिति और जनता तो दूर पाकिस्तान को अपनी सेना के आगे कुछ दिखता ही नहीं हैं. ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान पाकिस्तान ने IMF के आगे हाथ फैलाया था और अब खबर है की पाकिस्तान को जल्द ही जून में वर्ल्ड बैंक से भी लोन मिलने वाला है. इन सब के बीच भारत भी अब सतर्क हो गया है. भारत ने पाकिस्तान की असलियत को उजागर करते हुए अंतरराष्ट्रीय मंचों का रुख करने की योजना बनाई है.
भारत का मानना है कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के बजाय अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहायता का दुरुपयोग कर रहा है. और इसमें कोई नयी बात भी नहीं है. पाकिस्तान हमेशा से ही लोन ले कर हथियार खरीदता रहा है फिर इसे भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है.
भारत का कदम: वर्ल्ड बैंक और FATF का सहारा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत अब वर्ल्ड बैंक और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) से गुहार लगाने की तैयारी में है. भारत चाहता है कि पाकिस्तान को जो जून में वर्ल्ड बैंक द्वारा 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर का जो लोन मिलने वाला है उसपर फिर से विचार किया जाए. साथ ही, भारत की कोशिश होगी कि FATF पाकिस्तान को एक बार फिर ‘ग्रे लिस्ट’ में डाले, जिससे उस पर वित्तीय सख्ती बढ़े.
FATF की ग्रे लिस्ट में वापसी की मांग
FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ में शामिल होने का अर्थ है उस देश के वित्तीय लेनदेन पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी बढ़ जाना। इससे विदेशी निवेश प्रभावित होता है और लोन मिलना मुश्किल हो जाता है। हालांकि पाकिस्तान को पहले भी जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था और अक्टूबर 2022 में उसे इससे बाहर कर दिया गया था. लेकिन अब भारत FATF से मांग करेगा कि पाकिस्तान को दोबारा से ग्रे लिस्ट में शामिल किया जाए.
IMF से बेलआउट पैकेज पर भारत की नाराजगी
भारत में इस बात को लेकर गहरी नाराजगी है कि IMF ने पाकिस्तान को 9 मई को 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया, जबकि पहलगाम हमले जैसी घटनाएं पाकिस्तान की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं. भारत अब चाहता है कि पाकिस्तान को आसानी से लोन और वित्तीय सहायता न मिले, जब तक वह आतंकी गतिविधियों पर पूर्ण रोक नहीं लगाता.
FATF की ग्रे लिस्ट: क्या है इसका मतलब?
FATF की ग्रे लिस्ट उन देशों की होती है, जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग रोकने में पूरी तरह विफल रहे हैं, लेकिन सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं।
प्रमुख श्रेणियां:
भारत की यह रणनीति पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ाने का हिस्सा है, जिससे उसे आतंकी गतिविधियों में मदद करने से रोका जा सके। यदि FATF और वर्ल्ड बैंक भारत के तर्कों को मान्यता देते हैं, तो पाकिस्तान की पहले से चरमराई अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है।