महेंद्र गोयनका के फार्म हाउस में तेंदुआ और जंगली सुअर का शिकार
औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ के ग्राम घुघरा स्थित महेंद्र गोयनका के निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड परिसर (फार्म हाउस) में जंगली सुअरों का करंट लगाकर शिकार किया और फिर उनके शवों को जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना दिया.
वन परिक्षेत्र सिहोरा के अंतर्गत एक गंभीर वन्यजीव अपराध का मामला सामने आया है. औद्योगिक क्षेत्र हरगढ़ के ग्राम घुघरा स्थित महेंद्र गोयनका के निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड परिसर (फार्म हाउस) में जंगली सुअरों का करंट लगाकर शिकार किया और फिर उनके शवों को जेसीबी से गड्ढा खोदकर दफना दिया.
सूचना मिलने पर हरकत में आए वन विभाग के अमले ने जेसीबी से खुदाई कर दोनों सूअरों के अवशेष बरामद किए हैं. ये पूरा घटनाक्रम सामने आने के बाद विभागीय गलियारों में हड़कंप मच गया है. जैसे रसूखदारों तक मामला पहुंचा, तो जांच दबाने का खेल भी शुरु हो गया.
वन विभाग पर गंभीर सवाल
वन परिक्षेत्र सिहोरा में जंगली सुअर के शिकार का मामला बीते एक सप्ताह से सुर्खियों में है, लेकिन अब जांच की दिशा और विभागीय भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. सूत्रों के मुताबिक इस पूरे प्रकरण को दबाने की कोशिशें चल रही हैं और वन विभाग के कुछ अधिकारी खुद सवालों के घेरे में हैं.
तेंदुआ का भी शिकार
जानकारी के मुताबिक, जांच के शुरुआती दिनों में मौके पर पहुंचे एक अधिकारी को सीमा क्षेत्र और तेंदुआ शिकार को लेकर मोबाइल पर बातचीत करते सुना गया था. कुछ ही घंटों बाद पूरा मामला “जंगली सुअर के शिकार” की ओर डायवर्ट कर दिया गया. इस घटनाक्रम ने ये शक गहरा दिया है कि कहीं मामला बदलकर किसी बड़े शिकार को छिपाने की कोशिश तो नहीं की गई.
करंट लगाकर की गई थी हत्या
वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि निसर्ग इस्पात के कर्मचारी फार्म हाउस क्षेत्र में जंगली सुअरों का शिकार कर रहे हैं. जांच में खुलासा हुआ कि दो सुअरों को करंट लगाकर मारा गया और फिर सबूत छिपाने के लिए जेसीबी से खुदवाकर गड्ढों में दफना दिया गया.
तीन कर्मचारी गिरफ्तार
इस मामले में वन विभाग ने निसर्ग इस्पात के मैनेजर अनुराग द्विवेदी, जेसीबी ऑपरेटर बृजेश विश्वकर्मा और कर्मचारी मोहित दहिया को गिरफ्तार किया है. तीनों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया.
ये पूरा परिसर निसर्ग इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के मालिक महेंद्र गोयनका का है. बावजूद इसके, मालिक को आरोपियों की सूची में शामिल नहीं किया गया. विभागीय सूत्रों का कहना है कि गोयनका के रसूख के आगे वन विभाग बेबस दिखाई दिया, और सारा दोष कर्मचारियों पर डालकर कार्रवाई सीमित रख दी गई.
जांच में लापरवाही
जांच में देरी और लापरवाही पाए जाने पर डिप्टी रेंजर यादवेंद्र यादव और बीट गार्ड जितेंद्र अग्रवाल को निलंबित कर दिया गया है. दोनों को अन्य परिक्षेत्र में भेजा गया है.
जला हुआ DVR बढ़ा रहा संदेह
घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग रखने वाला डीवीआर घटना के बाद रहस्यमय तरीके से जल गया. विभाग को आशंका है कि यह सबूत मिटाने की सुनियोजित कोशिश हो सकती है.
डॉग स्क्वॉड की मदद से एक और शव मिला
वन विभाग की सिहोरा, कुंडम और पनागर रेंज की टीमों द्वारा लगातार सर्चिंग की जा रही है. डॉग स्क्वॉड की जांच के दौरान एक और जंगली जानवर का शव बरामद किया गया है. शव की उम्र और प्रजाति का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट से चलेगा.
वरिष्ठ अधिकारी कर रहे निगरानी
वन मंडल अधिकारी ऋषि मिश्रा और अनुविभागीय अधिकारी वन एम.एल. बरकडे मामले की निगरानी कर रहे हैं. आगे की जांच में और कई बड़े नामों के सामने आने की संभावना है.

