सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली परिसर में आयोजित समारोह में न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने ऑनलाइन डैशबोर्ड फॉर क्लेमेन्ट रीइम्बर्समेंट एंड डिपॉजिट सिस्टम तथा एम.ए.सी.टी. पोर्टल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी तथा न्यायमूर्ति आलोक अराधे एवं MP उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन, न्यायमूर्ति विवेक रूसिया एवं न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। शुभारंभ अवसर पर न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा न्याय तक पहुंच केवल संवैधानिक दायित्व नहीं, बल्कि मानवीय कर्तव्य भी है। M.A.C.T.. पोर्टल और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार तैयार किया जा रहा डैशबोर्ड, दोनों मिलकर दुर्घटना पीड़ितों को समयबद्ध और पारदर्शी राहत उपलब्ध कराएंगे।
उल्लेखनीय है कि डिजिटल न्याय की दिशा में यह पोर्टल मोटर दुर्घटना दावा अधिकरणों से संबंधित मामलों में ई-फाइलिंग, ऑनलाइन प्रगति ट्रैकिंग और मुआवजा वितरण की पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। इसके माध्यम से पीड़ितों और उनके परिजनों को शीघ्र और सरल न्याय उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में एक विशेष डैशबोर्ड भी तैयार किया जा रहा है। जिसमें मोटर वाहन अधिनियम, 1988 तथा कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 1923 के अंतर्गत स्वीकृत मुआवजे की राशि और उससे संबंधित विवरण नियमित रूप से अपलोड होंगे।
यह व्यवस्था दावेदारों, अधिवक्ताओं, बीमा कंपनियों और अधिकरणों सहित सभी हितधारकों के लिए उपयोगी होगी। उद्घाटन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण मध्यप्रदेश के सभी जिलों और तहसीलों की अदालतों में न्यायाधीशों द्वारा देखा और सुना गया।
जिले में यह कार्यक्रम प्रधान जिला न्यायाधीश राकेश मोहन प्रधान के मार्गदर्शन एवं विशेष न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार की उपस्थिति में आयोजित हुआ। इस अवसर पर समीर कुमार मिश्र (सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) एवं जिला मुख्यालय में पदस्थ सभी न्यायाधीश कॉन्फ्रेंस कक्ष में इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बने।