Bhopal: आर्य समाज मंदिर के पास शराब दुकान पर NHRC सख्त, आबकारी आयुक्त और कलेक्टर को समन जारी
भोपाल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भोपाल के E-4 अरेरा कॉलोनी में स्थित एक विवादास्पद शराब दुकान के संचालन को लेकर आबकारी आयुक्त और भोपाल जिला मजिस्ट्रेट को सशर्त समन जारी किया है। यह कार्रवाई आयोग के पूर्व निर्देशों की अनदेखी और मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत न किए जाने के कारण की गई है।

भोपाल राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने भोपाल के E-4 अरेरा कॉलोनी में स्थित एक विवादास्पद शराब दुकान के संचालन को लेकर आबकारी आयुक्त और भोपाल जिला मजिस्ट्रेट को सशर्त समन जारी किया है। यह कार्रवाई आयोग के पूर्व निर्देशों की अनदेखी और मामले में रिपोर्ट प्रस्तुत न किए जाने के कारण की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, E-4/21 अरेरा कॉलोनी में स्थित यह शराब दुकान एक धार्मिक स्थल (आर्य समाज मंदिर) से 50 मीटर के दायरे में और अनुश्री चिल्ड्रन हॉस्पिटल के बगल में स्थित है, जो मध्य प्रदेश आबकारी नीति (15.02.2025), खंड 4.4 का स्पष्ट उल्लंघन है। नीति के अनुसार, शराब दुकान किसी भी धार्मिक स्थल से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर होनी चाहिए।
स्थानीय निवासियों ने NHRC में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि शराब दुकान के कारण क्षेत्र में चोरी, सार्वजनिक नशाखोरी और असामाजिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है, जिससे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। शिकायतकर्ताओं ने दुकान का लाइसेंस रद्द करने और संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की मांग की है।
आयोग ने इस मामले को मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के रूप में देखा है और माननीय सदस्य श्री प्रियांक कानूनगो की अध्यक्षता में 28 जुलाई 2025 को इसकी सुनवाई की थी। आयोग ने जिला मजिस्ट्रेट, भोपाल को मामले की जाँच कर 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद, 19 अगस्त को अनुस्मारक भेजे जाने के बाद भी अब तक कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की गई।
इस पर संज्ञान लेते हुए आयोग ने अब मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 13 के तहत आबकारी आयुक्त और भोपाल जिला मजिस्ट्रेट को समन जारी किया है। उन्हें निर्देशित किया गया है कि वे 03 अक्टूबर 2025 को प्रातः 11:00 बजे आयोग के कार्यालय, मानवाधिकार भवन, सी-ब्लॉक, जीपीओ कॉम्प्लेक्स, आईएनए, नई दिल्ली में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हों और अपेक्षित रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
हालांकि, यदि रिपोर्ट 26 सितंबर 2025 तक प्राप्त हो जाती है, तो अधिकारियों को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट दी जा सकती है।