महिला व शिशु स्वास्थ्य में सुधार को लेकर कमिश्नर सख्त, गैरहाजिर अफसरों की वेतनवृद्धि रोकी

रीवा संभाग के कमिश्नर बी.एस. जामोद ने कमिश्नर कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि शिशु व मातृ मृत्यु दर कम करने और पोषण स्तर सुधारने के लिए दोनों विभाग समन्वित प्रयास करें। बैठक में अनुपस्थित रहने पर सिंगरौली जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी, सीएमएचओ व जिला स्वास्थ्य अधिकारी की एक वार्षिक वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिए गए

महिला व शिशु स्वास्थ्य में सुधार को लेकर कमिश्नर सख्त, गैरहाजिर अफसरों की वेतनवृद्धि रोकी

रीवा । कमिश्नर कार्यालय सभागार में आयोजित बैठक में कमिश्नर बीएस जामोद ने स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा की। कमिश्नर ने कहा कि शिशुओं और महिलाओं की स्वास्थ्य रक्षा के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग मिलकर प्रयास करें।

ग्राम स्तर से लेकर संभाग स्तर तक दोनों विभाग समन्वित प्रयास करेंगे तभी बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार होगा। मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर पर नियंत्रण हो सकेगा। दोनों विभागों के हितग्राही तथा लक्ष्य समूह एक हैं। इसलिए दोनों को समन्वय के साथ प्रयास करने की आवश्यकता है।

हर गर्भवती महिला का अनिवार्य रूप से पंजीयन कराकर जाँच सुनिश्चित करें। हाईरिस्क गर्भावस्था वाली महिलाओं को चिन्हित करके समय पर अस्पताल में भर्ती कर समुचित उपचार की सुविधा दें।

कमिश्नर ने बैठक में बिना सूचना अनुपस्थित रहने पर सिंगरौली जिले के जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी की एक वार्षिक वेतनवृद्धि अवरूद्ध करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने रीवा शहरी क्षेत्र, हनुमना, बैढ़न, चितरंगी तथा सोहावल के बीएमओ की भी वेतनवृद्धि रोकने के निर्देश दिए।

बैठक में कमिश्नर ने कहा कि चिन्हित सभी डिलेवरी प्वाइंट में प्रसव की पूरी सुविधा रखें। शत-प्रतिशत प्रसव अनिवार्य रूप से अस्पतालों में हों। घर में प्रसव की जानकारी मिली तो जिम्मेदारी तय करके कार्यवाही की जाएगी। 

कुपोषित बच्चों की पहचान कर समुचित उपचार और पोषण देने के निर्देश

महिलाओं और बच्चों में खून की कमी के कारणों का विश्लेषण करके उनका समुचित उपचार सुनिश्चित करें। भोजन में मुनगा, नींबू, पालक, गुड़, महुआ, दाल, मोमफली जैसे स्थानीय वस्तुओं का समुचित उपयोग करके भी अच्छा पोषण मिल जाता है। दस्तक अभियान 22 जुलाई से 22 अगस्त तक चलाया जाएगा।

दोनों विभाग मिलकर नवजात से पाँच साल तक के बच्चों की पूरी जाँच करें।  कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन करके उन्हें समुचित उपचार और पोषण दें। शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर की प्रत्येक घटना का पूरा विश्लेषण और ऑडिट करें। दोनों विभाग के जिलाधिकारी विकासखण्ड स्तर पर संयुक्त बैठक करके दोनों विभागों के योजनाओं की समीक्षा करें।

बैठक में लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना तथा अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की गई। 

ये रहे उपस्थित 

बैठक में संयुक्त आयुक्त सुदेश मालवीय, संयुक्त आयुक्त दिव्या त्रिपाठी, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य डॉ एमएल गुप्ता, संभाग के सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सिविल सर्जन तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित रहे।