थाईलैंड की नैन बनीं महू के जयंत की दुल्हनिया: 10 साल की दोस्ती, प्यार और फिर हिंदू रीति-रिवाज से शादी
बारात बैंड-बाजे के साथ निकली… और मज़ेदार बात विदेशी दुल्हन भी भारतीय धुनों पर जमकर थिरकती नज़र आईं। लहंगा, मेहंदी, मंगलसूत्र और सिंदूर… नैन पूरी तरह भारतीय परंपराओं में रंग गईं।
मध्यप्रदेश के इंदौर ज़िले की सैन्य नगरी महू में थाईलैंड की युवती और महू के युवक ने एक-दूसरे का हाथ थामकर सात जन्मों का वादा किया। यह सिर्फ शादी नहीं थी, बल्कि दो देशों की संस्कृतियों का खूबसूरत मिलन था, जिसने समारोह को यादगार बना दिया। ये फिल्मी लव स्टोरी है, थाईलैंड की नारूएपक (नैन) और महू के जयंत सोनी की।
परिवार की पसंद से महू में लिए 7 फेरे
5 दिसंबर शुक्रवार का दिन सोनी परिवार के लिए बेहद खास रहा, पूरे घर में खुशी का माहौल था। हल्दी की रस्मों से लेकर बारात की तैयारी तक, हर जगह भारतीय परंपराओं की रौनक दिख रही थी। बैंड-बाजे की धुनों के साथ जब बारात विवाह स्थल की ओर चली तो लोगों का ध्यान अचानक उस खास मेहमान पर गया—थाईलैंड से आई दुल्हन नैन पर। भारतीय लहंगे में सजी नैन न सिर्फ खूबसूरत लग रही थीं, बल्कि हर रस्म को उतने ही उत्साह से निभा रही थीं जैसे वह भारत की ही बेटी हों। बाराती जब संगीत की ताल पर नाचे तो नैन भी पूरे आनंद से उनके साथ झूम उठीं।
10 साल पहले ऐसे मिले थे नैन और जयंत
नैन और जयंत की प्रेम कहानी करीब 10 साल पहले थाईलैंड में शुरू हुई, जहां जयंत कई सालों से कारोबार कर रहे हैं। नौकरी के दौरान दोनों एक ही कंपनी में काम करते थे। शुरुआत में नैन को जयंत थोड़े कठोर और गुस्सैल लगे, लेकिन जैसे-जैसे साथ काम बढ़ा, उन्होंने जाना कि जयंत बेहद नम्र और समझदार इंसान हैं। यह जान-पहचान धीरे-धीरे गहरी दोस्ती में बदली और फिर प्यार में।
बाद में जब जयंत ने अपनी कंपनी शुरू की तो नैन भी उनके साथ जुड़ गईं। इसी दौरान जयंत उन्हें एक बार अपनी बहन की शादी में लेकर भारत आए। यहां पहली बार नैन ने भारतीय परंपराओं और परिवार की गर्मजोशी को महसूस किया। सोनी परिवार ने भी नैन को दिल से अपनाया। इसी मुलाकात ने दोनों परिवारों के बीच भरोसा बढ़ाया और नैन का भारत से रिश्ता और भी मजबूत हो गया।
दोस्ती से प्यार और फिर शादी का फैसला
करीब एक दशक तक एक-दूसरे को समझने के बाद दोनों ने शादी का फैसला किया। भारतीय परंपराओं के अनुसार दोनों परिवारों ने कुंडली मिलवाई और शुभ मुहूर्त तय किया। थाईलैंड से नैन का परिवार और करीबी लोग भी इस खास मौके के लिए महू पहुंचे। दुल्हन की मां चुटिमा ने बेटी को भारतीय रीति-रिवाजों में शादी करते देख भावुक होकर कहा कि यह उनके लिए किसी सपने जैसा है।
शादी में भारतीय और थाई परंपराओं का संगम
शादी के दौरान नैन भारतीय दुल्हन के रूप में बिल्कुल रच-बस गईं—हाथों में मेहंदी, मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपराओं का अनुभव उनके लिए बेहद अनमोल है और वह इन्हें हमेशा याद रखेंगी।
विवाह समारोह में भारतीय और थाई परंपराओं का सुंदर मिश्रण देखने को मिला, जिसने हर व्यक्ति को प्रभावित किया। यह सिर्फ दो दिलों का मिलन नहीं था, बल्कि दो देशों की संस्कृतियों के बीच बढ़ते अपनत्व की नई मिसाल भी था। महू में हुई यह अंतरराष्ट्रीय शादी लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बनी रही और एक बार फिर साबित कर गई कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती—न देश की, न भाषा की, न संस्कृति की।
Varsha Shrivastava 
