भारत-रूस शिखर सम्मेलन: दोनों देशों के बीच हुए 7 अहम समझौते, पुतिन बोले- बिना रुकावट करेंगे तेल सप्लाई

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। इस दोनों देशों के बीच सात महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समझौतों हुए।

भारत-रूस शिखर सम्मेलन: दोनों देशों के बीच हुए 7 अहम समझौते, पुतिन बोले- बिना रुकावट करेंगे तेल सप्लाई
India Russia Agreements

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में हुई द्विपक्षीय वार्ता का परिणाम दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक और रणनीतिक समझौतों की झड़ी के रूप में सामने आया। इस दौरान भारत और रूस ने 7 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत और रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह अटल और स्थिर है। उन्होंने याद दिलाया कि पिछले आठ दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत-रूस का रिश्ता हमेशा मजबूत बना रहा।

वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत को बिना रुकावट तेल की सप्लाई जारी रखने का भरोसा दिलाया। रूस से भारत आयात का लगभग 76 % हिस्सा कच्चा तेल ही है। अगर दूसरे तेल और कोयला को जोड़ लिया जाए तो यह 85% तक चला जाता है। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग को और गहरा करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की बात कही।

दोनों देशों के बीच हुए 7 अहम समझौते

  1. सहयोग और प्रवासन पर समझौता (Agreement on Cooperation and Migration)
  2. अस्थायी श्रम गतिविधियों पर समझौता (⁠Temporary labour activities)
  3. स्वास्थ्य सेवा और मेडिकल शिक्षा पर समझौता (Agreement on Healthcare, Medical Education)
  4. खाद्य सुरक्षा और मानकों पर समझौता (Agreement on Food Safety and Standards)
  5. ध्रुवीय जहाजों पर समझौते (Agreements on Polar Ships)
  6. समुद्री सहयोग पर समझौते (Agreements on Meritime Cooperation)
  7. उर्वरकों पर समझौता (Agreement on Fertilizers)

30 दिन फ्री वीजा, कोई डिफेंस डील नहीं

पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच बातचीत में जिन समझौतों पर सहमति बनी उनमें प्रवासन, हेल्थकेयर, मेडिकल एजुकेशन खाद्य सुरक्षा, शिप बिल्डिंग, केमिकल्स और फर्टिलाइजर्स जैसे मुद्दें शामिल हैं। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी ने रूस के लोगों के लिए एक अहम घोषणा की। पीएम मोदी ने बताया कि भारत ने रूस के लोगों के लिए फ्री ई-टूरिस्ट वीजा की शुरुआत की है, यह ई वीजा 30 दिनों के लिए वैध होगा। वही, भारत-रूस के बीच अभी तक लड़ाकू विमानों या बड़े रक्षा सौदों से जुड़ी कोई बड़ी डील घोषित नहीं हुई, जबकि इसकी उम्मीद की जा रही थी।

21 तोपों की सलामी के साथ पुतिन का स्वागत

राष्ट्रपति भवन में शुक्रवार सुबह 21 तोपों की सलामी के साथ रूसी राष्ट्रपति का स्वागत किया गया, साथ ही व्लादिमीर पुतिन गार्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया। इधर रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विजिटर बुक में लिखा कि गांधी ने बहुत पहले ही एक ‘न्यायपूर्ण और बहुध्रुवीय दुनिया’ की कल्पना पहले ही कर थी। पुतिन ने कहा कि समानता और आपसी सम्मान जैसे गांधी के सिद्धांत ही आज भारत और रूस साथ मिलकर दुनिया में आगे बढ़ा रहे हैं।

हैदराबाद हाउस में 23वां भारत-रूस शिखर सम्मेलन

इसके बाद हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच 23वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन की बैठक हुई। दोनों नेताओं ने व्यापार और कृषि जैसे क्षेत्रों में कई समझौता-पत्र (MoUs) पर दस्तखत किए। MoUs कानूनी तौर पर बाध्यकारी नहीं होते, बल्कि भविष्य में होने वाले बड़े और औपचारिक समझौतों की दिशा तय करने वाले शुरुआती दस्तावेज होते हैं। 

भारत को हथियार देते रहेंगे- पुतिन 

पुतिन ने कहा कि पिछले करीब 50 साल से रूस भारतीय सेना को हथियार देने और उसे आधुनिक बनाने में मदद करता आ रहा है। चाहे वह एयर डिफेंस फोर्सेज हो, एविएशन हो या नेवी। कुल मिलाकर, जिन बातचीत को हमने अभी पूरा किया है, उनके नतीजों से हम पूरी तरह संतुष्ट हैं। मुझे पूरा भरोसा है कि यह दौरा और यहां हुए समझौते भारत-रूस की रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेंगे, जिससे हमारे दोनों देशों और भारत-रूस की जनता को फायदा मिलेगा। पिछले साल भारत-रूस के बीच जो दोतरफा व्यापार हुआ था, वह 12% बढ़ा है। यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है। पुतिन ने कहा कि दोनों देश इस व्यापार को 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने के लिए तैयार हैं।

रूस-भारत बना रहे न्यूक्लियर पावर प्लांट

पुतिन ने कहा कि रूस और भारत मिलकर भारत में सबसे बड़ा न्यूक्लियर पावर प्लांट बना रहे हैं। यह कुडनकुलम न्यूक्लियर पावर प्लांट (तमिलनाडु) है। यह भारत का नहीं, बल्कि एशिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्रोजेक्ट्स में से एक है। इस प्लांट में कुल 6 रिएक्टर बनाए जा रहे हैं। हर रिएक्टर 1000 मेगावॉट बिजली पैदा करेगा। यानी पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने पर यहां से 6000 मेगावॉट (6 गीगावॉट) बिजली मिलेगी। पुतिन ने कहा कि छह में से तीन रिएक्टर पहले ही भारत के एनर्जी नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। बाकी 3 रिएक्टर (यूनिट 4, 5 और 6) निर्माण के अलग-अलग चरणों में हैं। इससे भारत को क्लीन एनर्जी मिलेगी, कोयले पर निर्भरता कम होगी और दक्षिण भारत के राज्यों में बिजली की उपलब्धता बढ़ेगी। पुतिन ने कहा, हम भारत के साथ मिलकर नए अंतरराष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट रूट बना रहे हैं। इसमें एक बड़ा प्रोजेक्ट नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर भी शामिल है। इसका मतलब है कि रूस या बेलारूस से सामान सीधे हिंद महासागर के रास्ते तक पहुंच सकेगा। इससे व्यापार तेज, सस्ता और आसान होगा।