भोपाल गैस त्रासदी की ‘41वीं बरसी’ पर सरकारी छुट्टी

भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर राज्य सरकार ने छुट्टी की घोषणा की है। तीन दिसंबर को भोपाल शहर में ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सभी बंद रहेंगे।

भोपाल गैस त्रासदी की ‘41वीं बरसी’ पर सरकारी छुट्टी

भोपाल गैस त्रासदी की 41वीं बरसी पर राज्य सरकार ने छुट्टी की घोषणा की है। तीन दिसंबर को भोपाल शहर में ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सभी बंद रहेंगे। भोपाल में गैस त्रासदी की घटना 1984 में हुई थी और हर साल इस दिन को याद करते हुए स्थानीय अवकाश दिया जाता है। तीन दिसंबर को सुबह साढ़े 10 बजे बरकतुल्लाह भवन में सभी धर्म के तहत प्रार्थना होगी। इस आयोजन में गैस राहत मंत्री डॉक्टर कुंवर विजय शाह मौजूद रहेंगे। सभा में भोपाल गैस त्रासदी में दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। वहीं अलग- अलग धर्मगुरु धर्मग्रंथों का पाठ करेंगे।

दुनिया की सबसे भीषण औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक त्रासदी भोपाल शहर ने सन 1984 में 2-3 दिसंबर की दरमियानी रात में झेली थी। भोपाल गैस कांड एक ऐसा औद्योगिक हादसा था जिसकी पीड़ा लाखों लोगों ने झेली। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 2 और 3 दिसंबर की रात में यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) के कीटनाशक संयंत्र में मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस लीक हो गई थी। इस जहरीली गैस के संपर्क में आने से लाखों व्यक्ति प्रभावित हुए थे और करीब 3800 लोगों की तत्काल मौत हो गई थी। फैक्ट्री के आसपास के इलाके में लाशें बिछ गईं। जिन्हें ढोने के लिए गाड़ियां कम पड़ गईं। चीखें इतनी कि लोगों को आपस में बातें करना मुश्किल हो रहा था।

गैसकांड को भले ही 40 साल बीत गए हो, लेकिन गैस पीड़ित आज भी दुनिया की सबसे भयानक त्रासदी का दंश भोग रहे हैं। जिस जगह फैक्ट्री है, उसके जहरीले कचरे की वजह से आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे में पीने का पानी दूषित है। इस वजह से हजारों लोग गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। किसी ने पति-बेटों को आंखों के सामने मरते देखा तो किसी ने अपनी तीन पीढ़ियां खो दी। भले ही इस त्रासदी को 41 साल हो गए हैं, लेकिन आज भी इसका दर्द लोगों की आंखों में दिखता हैं।