MP का पैथोलॉजी घोटाला: 7 करोड़ आबादी... 12 करोड़ जांचे, सरकार ने किया 9 अरब का भुगतान
विधानसभा में गूंजा साइंस हाउस कंपनी का फर्जीवाड़ा, 3 साल में कर डाली 943 करोड़ रुपए की जांचें, स्वास्थ्य विभाग ने 68 हजार पन्नों में दी जानकारी, कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने की CBI जांच की मांग
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन साइंस हाउस कंपनी का फर्जीवाड़ा का मुद्दा गूंजा। कंपनी ने सिवनी जिला अस्पताल और सामुदायिक केंद्र में 3 साल 11 महीने में 12 करोड़ 84 लाख लोगों की जांचें कर डाली।
इन जांचों के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कंपनी को 943 करोड़ रुपए का भुगतान भी किया है। कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने 68 हजार पन्नों में जानकारी दी है।
943 करोड़ का बड़ा पैथोलॉजी घोटाला उजागर
मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को झकझोर देने वाला एक बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने 68 हजार पन्नों में जानकारी दी। विपक्ष ने दस्तावेजों के आधार पर प्रदेश सरकार पर 943 करोड़ रुपये के आउटसोर्स पैथोलॉजी घोटाले का आरोप लगाया है।
कांग्रेस कार्यालय में संयुक्त पत्रकार वार्ता करते हुए जयवर्धन सिंह ने कहा कि यह मामला राज्य के इतिहास में हुए सबसे गंभीर और संगठित भ्रष्टाचारों में से एक है। पैथोलॉजी घोटाले की CBI जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होना जरूरी है।
आबादी 7 करोड़ पर जांचे 12.84 करोड़
जयवर्धन सिंह ने बताया कि शुरुआती अध्ययन में ही यह हैरान करने वाला तथ्य सामने आया कि प्रदेश की लगभग 7 करोड़ आबादी पर 12 करोड़ 84 लाख पैथोलॉजी जांचें दिखा दी गईं। पूर्व मंत्री का आरोप है कि कंपनी ने कागज़ों पर फर्जी जांचें दिखाकर बड़े पैमाने पर बिल लगाए और सरकार ने इस फर्जीवाड़े पर कोई सवाल नहीं उठाया।
उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या व्यावहारिक रूप से असंभव है, क्योंकि इसका मतलब है कि हर व्यक्ति ने औसतन लगभग दो बार से अधिक जांच कराई, जबकि वास्तविकता यह है कि कई जिलों में मशीनें महीनों तक खराब रहीं और कई जगह परीक्षण हुए ही नहीं।
68 हजार पन्नों के रिकॉर्ड में चौंकाने वाले खुलासे
विधानसभा में पूछे गए सवाल के जवाब में स्वास्थ्य विभाग ने करीब 68,000 पन्नों का रिकॉर्ड भेजा। जयवर्धन सिंह के अनुसार इन दस्तावेजों के अध्ययन से साफ होता है कि पूरे राज्य में 2,000 से अधिक सरकारी अस्पतालों, CHC–PHC और स्वास्थ्य संस्थानों में आउटसोर्स पैथोलॉजी सेवाएं एक निजी कंपनी साइंस हाउस/ साइंस ऑफ प्रा. लिमिटेड के भरोसे चल रही थीं।
1 ही व्यक्ति की 2 कंपनियों को 2 नामों से काम
विधायक जयवर्धन सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि एक ही व्यक्ति की दो कंपनियों को अलग-अलग नाम से टेंडर दिया गया।
- POCT Science House Pvt. Ltd. (Reagent Rental Model)
- Science House Pvt. Ltd. (Hub and Spoke Model)
इतना ही नहीं, एक ही टेस्ट के दो अलग-अलग रेट तय किए गए। कहीं कोई टेस्ट 50 रुपये में था, तो कहीं वही जांच कई गुना अधिक दर पर बिल की गई। सिंह के मुताबिक यह रेटों में की गई मनमानी करोड़ों के वित्तीय हेरफेर का सबूत है।
0% GST वाली सेवाओं पर 18% वसूला गया
जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य सेवाएँ भारत सरकार द्वारा 0% GST की श्रेणी में रखी गई हैं, लेकिन कंपनी ने अपने बिलों में 18% GST वसूल किया, और विभाग ने इसका भुगतान भी कर दिया। उनके अनुसार इससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचा है और यह स्पष्ट रूप से GST धोखाधड़ी है।
जमीन पर परीक्षण नहीं, कागज़ों पर रिपोर्ट
कांग्रेस विधायक ने बताया कि कई ब्लॉक अस्पतालों, CHC और PHC में मशीनें बंद पड़ी रहीं, तकनीशियन उपलब्ध नहीं थे और नियमित जांचें नहीं की गईं, फिर भी हजारों रिपोर्ट “कागज़ों पर” तैयार कर दी गईं। उन्होंने कहा कि यह न केवल भ्रष्टाचार है, बल्कि जनता की सेहत से सीधा खिलवाड़ है।
ED और IT की कार्रवाई के बाद भी एक्सटेंशन!
प्रेस वार्ता में जयवर्धन सिंह ने यह भी बताया कि इसी कंपनी पर पहले ED और Income Tax विभाग की कार्रवाई हो चुकी है, और उसका मालिक जेल भी जा चुका है। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने जुलाई 2025 में इसे एक वर्ष का नया एक्सटेंशन दे दिया। कांग्रेस विधायक के मुताबिक, यह दिखाता है कि सरकार ने भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि यह सिर्फ वित्तीय घोटाला नहीं बल्कि जनता के स्वास्थ्य के साथ किया गया अपराध है।
NSUI की चेतावनी, CBI जांच की मांग
इस मुद्दे पर कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक ऋषि अग्रवाल, विधायक देवेंद्र पटेल, मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक और NSUI के राष्ट्रीय प्रवक्ता विराज यादव मौजूद रहे। अन्य नेताओं ने भी शिक्षा और युवाओं से जुड़े घोटालों पर आरोप लगाए। NSUI की ओर से चेतावनी दी गई कि यदि 30 दिनों के भीतर सरकार ने इन मामलों में कार्रवाई नहीं की, तो संगठन राज्यभर में उग्र आंदोलन करेगा।
Varsha Shrivastava 
