MP NEWS : किसान मेरे रोम-रोम में हैं, खेती हर सांस में बसी है - चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान मेरे रोम-रोम में बसते हैं और खेती हर सांस में बसी है।

MP NEWS : किसान मेरे रोम-रोम में हैं, खेती हर सांस में बसी है - चौहान
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भोपाल. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान मेरे रोम-रोम में बसते हैं और खेती हर सांस में बसी है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत केवल प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद और विधायक नहीं बना सकते हैं, इसके लिए हम सबको प्रयास करना होगा।

पांव-पांव वाले शिवराज भैया फिर पहुंचे गांव-गांव

शिवराज विदिशा संसदीय क्षेत्र के सीहोर जिले से विकसित भारत संकल्प यात्रा के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। शिवराज की छवि पांव-पांव वाले भैया की है। अब वे फिर से गांवों में पहुंचे हैं। शिवराज ने लाड़कुई गांव से पदयात्रा की शुरुआत की। उनके सात उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह सहित पूरा हुजूम था। लाड़कुई में शिवराज ने प्रधानमंत्री आवास योजना, वन विभाग की योजनाओं और आदिम जाति कल्याण की योजनाओं के हितग्राहियों से संवाद किया। साथ में भादाकुई और छींदगांव में जैविक खेती, वाणिज्यिक खेती, उद्यानिकी व स्वरोजगार पर चर्चा की और लाड़ली बहना व लखपति दीदियों से भी संवाद किया।

शिवराज ने कहा कि एक ताकतवर भारत और विकसित भारत हमारा लक्ष्य है। विकसित भारत का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प मेरे लिए मंत्र बन गया है, लेकिन भारत विकसित कब बनेगा। भारत विकसित तब बनेगा, जब हमारा हरेक गांव विकसित बनेगा, मतलब ऐसा भारत जहां सड़क, बिजली, पानी का जाल बिछा हो, खेती उन्नत हो, हरेक परिवार रोजगार से जुड़ा हो, कोई भी इस धरती पर भूखा ना सोए, इलाज की बेहर सुविधाएं हो। अपना हर क्षेत्र विकसित हो। 

चौहान ने कहा कि विकसित का मतलब केवल पुल, पुलिया, स्कूल, अस्पताल नहीं है, इसके आगे भी विकास का यह सिलसिला जारी रहे। विकसित भारत मतलब जहां मानवीय गरिमा का सम्मान होता हो, जहां गरीब भी किसी ना किसी साधन से जुड़ा हो, यहां की बहनों की आमदनी ऐसी हो कि वह शौर्य और स्वाभिमान के साथ अपनी जिंदगी बिता सकें। विकसित भारत के लिए गांव-शहर का हर इंसान गंभीर हो। वह सोचे कि मैं अपना गांव विकसित करने के लिए क्या योदगान दे सकता हूं, हमारा गांव स्वच्छ होना चाहिए, यहां पानी का संरक्षण होना चाहिए, यहां के स्कूल अच्छे हों, यहां की आंगनबाड़ी अच्छी हो, यहां महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप बने हो, जो बहनों की आमदनी बढ़ाएं और रोजगार के साधन उत्पन्न कर रहे हो।