MP News: इजराइल जल प्रबंधन तकनीक से पायलट प्रोजेक्ट की होगी शुरुआत, दूतावास टीम ने किया भ्रमण

जल संरक्षण शुद्धिकरण और प्रबंधन में दुनिया का अग्रणी देश माने जाने वाला इजराइल अब रीवा की जल समस्या के समाधान में भागीदारी करेगा। यह कोई साधारण तकनीकी हस्तांतरण नहीं, बल्कि एक ऐसे युग की शुरुआत मानी जा रही है.

MP News: इजराइल जल प्रबंधन तकनीक से पायलट प्रोजेक्ट की होगी शुरुआत, दूतावास टीम ने किया भ्रमण
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REWA. जल संरक्षण शुद्धिकरण और प्रबंधन में दुनिया का अग्रणी देश माने जाने वाला इजराइल अब रीवा की जल समस्या के समाधान में भागीदारी करेगा। यह कोई साधारण तकनीकी हस्तांतरण नहीं, बल्कि एक ऐसे युग की शुरुआत मानी जा रही है, जहां शहर की सड़कों पर बहता गंदा पानी और हर साल गर्मी में पेयजल के लिए मचती हाहाकार बीते कल की बातें हो सकती हैं। इजराइली दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को रीवा का दौरा कर यहां जल आपूर्ति प्रणाली और जल प्रदूषण की स्थिति का अध्ययन किया है। यह पहली बार है जब मध्यप्रदेश का कोई नगर इस वैश्विक तकनीक को अपनाने की दिशा में गंभीर कदम बढ़ा रहा है। पहले हैदराबाद, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे महानगरों में यह तकनीक प्रयोग हो चुकी है, और अब रीवा को इसका लाभ मिलने जा रहा है। इजराइली दूतावास के वरिष्ठ जल संसाधन विशेषज्ञ नीरज गहलावत ने रीवा शहर में जल प्रदूषण की स्थिति नालों की सफाई तथा जल संसाधनों की स्थायित्वपूर्ण व्यवस्था की संभावनाओं का अध्ययन किया। भारत और इजराइल के बीच जल सहयोग संबंधों को लेकर भारत में जल अटैसे की नियुक्ति भी की गई है। जो जल प्रबंधन की संभावनाओं पर अध्ययन कर रही है। कुछ समय पहले रीवा नगर निगम के आयुक्त डॉ. सौरभ सोनवणे ने इजराइली तकनीकी को समझा था और उसे रीवा में लागू कराने को लेकर चर्चा की थी। इजराइली जल अटेशे नोआ अमसालेम के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने गत माह भोपाल में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से भी मुलाकात की थी। अब रीवा आए प्रतिनिधि मंडल ने निगम आयुक्त के साथ बैठक की है, जिस पर आयुक्त ने डीपीआर तैयार करने को कहा है। इसमें दोनों देशों की सरकारों की ओर से आर्थिक मदद का भी प्रावधान है, जिस पर निगम आयुक्त ने कहा है कि उनके पास राशि की उपलब्धता पर्याप्त नहीं है, इसलिए सरकार के स्तर पर वित्तीय सहायता का भी प्रावधान कराएं। इजराइली दूतावास की टीम ने नगर निगम के तैयार किए जा रहे प्रारूप पर कहा है कि प्रयास अच्छा किया जा रहा है। निगम आयुक्त ने कहा है कि देश के जिन शहरों में इजराइल की तकनीकी अपनाई गई है, जरूरत पड़ी तो बहां पर इंजीनियर्स को भेजा जाएगा।

जैविक उपचार से नाले होंगे साफ

शहर में बहते नालों की हालत किसी से छिपी नहीं है। अधिकांश गंदा पानी बिना किसी उपचार के सीधे नदियों में मिल रहा है, जिससे न केवल जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं, बल्कि शहर का पारिस्थितिक संतुलन भी बिगड़ रहा है। इजराइली विशेषज्ञों की टीम ने निरीक्षण के बाद प्रस्तावित किया है कि नालों में जैविक उपचार तकनीक अपनाई जाएगी। इसमें खास तरह के प्राकृतिक पौधों को नालों में रोपित किया जाएगा, जो गंदगी को अपने जैविक गुणों से छान लेंगे। इस प्रणाली की खास बात यह है कि इसमें रसायनों का इस्तेमाल नहीं होता और यह पर्यावरण के लिए पूर्णत: सुरक्षित होती है।

लीकेज होगी खत्म, बचेगा लाखों लीटर पानी

रीवा की पेयजल आपूर्ति प्रणाली में लीकेज एक गंभीर समस्या है। पानी सप्लाई के बाद ओवरहेड टैंकों से लेकर अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचने में बड़ी मात्रा में पानी रिस जाता है। यह 'नॉन रेवेन्यू वॉटर= कहलाता है, जिससे नगर निगम को प्रत्यक्ष राजस्व हानि होती है। इजराइली तकनीक की मदद से अब इस पानी की ट्रैकिंग की जाएगी—कहां रिसाव हो रहा है, कितनी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है और उसे कैसे रोका जा सकता है। इसके लिए उन्नत सेंसर और डिजिटल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।

इंजीनियरों को भेजा जाएगा प्रशिक्षण के लिए

नगर निगम का कहना है कि परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जरूरी होगा कि निगम के इंजीनियर और तकनीकी विशेषज्ञ इस प्रणाली को गहराई से समझें। इसलिए उन्हें उन शहरों में भेजने की योजना है, जहां यह तकनीक पहले से लागू है। इससे परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

शहरवासियों को मिलेगा लाभ

यदि यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो इसका सीधा लाभ शहरवासियों को मिलेगा। एक ओर जल संकट से राहत मिलेगी, वहीं दूसरी ओर प्रदूषण में भी कमी आएगी। स्वच्छता अभियान और स्मार्ट सिटी मिशन के तहत यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।