एशिया के सबसे लम्बे इंसान धर्मेंद्र प्रताप सिंह पहुंचे रीवा
एशिया के सबसे लंबे व्यक्ति धर्मेंद्र प्रताप सिंह, जिनकी लंबाई 8 फुट 2 इंच है, रीवा (मध्य प्रदेश) में मां करणी स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने क्षत्रिय समाज की वीरता और एकता की सराहना की और बताया कि वे समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं।

रीवा, मध्य प्रदेश
एशिया के सबसे लंबे व्यक्ति धर्मेंद्र प्रताप सिंह, जिनकी लंबाई 8 फुट 2 इंच है, रीवा में मां करणी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल हुए। उनका जन्म 1983 में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में हुआ था। वे एशिया के सबसे लंबे युवक के तौर पर भी पहचाने जाते हैं।
मां करणी स्थापना दिवस कार्यक्रम में हुए शामिल
कार्यक्रम में धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मां करणी की महिमा का बखान करते हुए कहा कि, "मां करणी ने समस्त क्षत्रियों की रक्षा की है। जब देश में सरकार नहीं थी, तब महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान जैसे वीर क्षत्रियों ने देश को बाहरी शासन से बचाया था।"
उन्होंने कहा, "भारत कभी भी योद्धाओं से खाली नहीं रहा है। आज भी हमारे क्षत्रिय समाज के लोग मां कर्णी के स्थापना दिवस को बड़े उत्साह से मना रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि हमारा समाज इसी तरह एकजुट होकर आगे बढ़ता रहेगा।"
इस मौके पर धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वे समाजवादी पार्टी से जुड़े हुए हैं और अगर पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व उन्हें मौका देगा, तो वे चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में क्षत्रिय समाज के लोग मौजूद रहे और उन्होंने मां करणी के जयकारे लगाए।
नाम दर्ज है कई रिकार्ड्स
मंगरौरा ब्लाक के कसियाही गांव के धर्मेंद्र की लंबाई 8 फीट 2 इंच है। यह भारत के सबसे लंबे व्यक्ति के तौर पर गिनीज बुक में भी जगह बना चुके हैं। वह 45 साल के हो गए हैं।
समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं धर्मेंद्र
जनवरी 2022 में धर्मेंद्र ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी. इसके बाद से पार्टी के मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही थी।
लम्बाई के कारण होती हैं कई समस्याएं
धर्मेंद्र प्रताप अपनी लम्बाई को लेकर देश भर में मशहूर तो हैं ही पर यही लम्बाई उनके लिए कई सारी समस्याओं की वजह भी है. धर्मेद्र की उम्र 45 साल से ज्यादा की हो चुकी हैं उनकी शादी नहीं हो रही है. इसकी वजह उनकी लम्बाई ही है.
उनका कहना है की उनकी जोड़ीदार कोई साथी नहीं मिल रही है, इसके अलावा उनकी लम्बाई की वजह से ही न तो उन्हें नाप की चप्पल मिलती है और ना ही कपडे, वही कई सारे लोग उनको रोजगार देने में भी कतराते हैं जिससे उनको जीवन यापन में भी दिक्कत आती हैं