MP News: राजधानी में पहली बार आत्महत्या रोकथाम पर राष्ट्रीय मनोरोग सम्मेलन का आयोजन
भोपाल में पहली बार आत्महत्या रोकथाम पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन "IAPP मिड-टर्म CME 2025" का आयोजन 26-27 अप्रैल को ताज लेकफ्रंट होटल में किया जाएगा। इसमें देश-विदेश के विशेषज्ञ आत्महत्या की रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य पर विचार साझा करेंगे। सम्मेलन के तहत 26 अप्रैल को गांधी मेडिकल कॉलेज से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के लिए वॉकाथॉन भी आयोजित होगा।

BHOPAL. मप्र के इतिहास में पहली बार आत्महत्या रोकथाम को समर्पित राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सम्मेलन "IAPP मिड-टर्म CME 2025" का आयोजन भोपाल में किया जा रहा है। यह दो दिवसीय सम्मेलन 26 और 27 अप्रैल को ताज लेकफ्रंट होटल में आयोजित होगा, जिसका उद्देश्य आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी रोकथाम और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाना है।
सम्मेलन का उद्घाटन 26 अप्रैल को उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल करेंगे। इस अवसर पर डॉ. सलोनी सिदाना मुख्य अतिथि के रूप में और एवंडॉ. कविता एन. सिंह, डीन, गांधी मेडिकल कॉलेज, विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। यह आयोजन इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट साइकाइट्री (IAPP) के अंडर किया जा रहा है, जिसके संयोजक प्रो. डॉ. आर. एन. साहू और डॉ. समीक्षा साहू, सह-प्राध्यापक, मनोरोग विभाग, जीएमसी हैं।
सम्मेलन में देशभर से 45 प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ भाग लेंगे, वहीं अमेरिका से दो अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ वर्चुअली जुड़कर अपने विचार साझा करेंगे। सम्मेलन में विशेष रूप से छात्रों, बुज़ुर्गों, ट्रॉमा सर्वाइवर्स और LGBTQ+ समुदाय जैसे संवेदनशील वर्गों में आत्महत्या की प्रवृत्ति और उसकी रोकथाम के उपायों पर गहन विचार विमर्श होगा।
इस आयोजन की खास बात मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता हेतु वॉकाथॉन है, जो 26 अप्रैल को सुबह 7 बजे गांधी मेडिकल कॉलेज परिसर से शुरू होगी। इस वॉकाथॉन का उद्देश्य आमजन को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को लेकर जागरूक करना है।
कार्यक्रम की जानकारी एक प्रेस वार्ता के जरिये दी गई, जिसमें डॉ. मृगेश वैष्णव, अध्यक्ष IAPP, डॉ. जे. पी. अग्रवाल, विभागाध्यक्ष मनोरोग विभाग, जीएमसी भोपाल, डॉ. रुचि सोनी, सह-प्राध्यापक, जीएमसी, एवं डॉ. राहुल शर्मा, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, जेपी अस्पताल ने आयोजन की रूपरेखा साझा की। डॉ. मृगेश वैष्णव ने बताया कि यह सम्मेलन मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक पहल है, जो आत्महत्या रोकथाम को लेकर समाज में गंभीर संवाद और सामूहिक सहभागिता की दिशा में एक मजबूत कदम सिद्ध होगा।