MP News: फूड कोर्ट तीन साल से तैयार, खुला भी नहीं और स्मार्ट सिटी की हो रही कमाई

बोर्ड ऑफिस चौराहा पर बस टर्मिनस और फूड कोर्ट तैयार हुए लगभग तीन साल बीत गए हैं। मेट्रो व अन्य निर्माण कार्यों की वजह से यह अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इसके बाद भी भोपाल स्मार्ट सिटी को रेवेन्यू मिल रहा है। निजी डेवलपर त्रिशूल कंस्ट्रक्शन इसके लिए स्मार्ट सिटी को 10 करोड़ रुपये से अधिक दे चुका है। यह कंपनी आयकर के छापों से सुर्खियों में आए राजेश शर्मा की है। 

MP News: फूड कोर्ट तीन साल से तैयार, खुला भी नहीं और स्मार्ट सिटी की हो रही कमाई
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BHOPAL. बोर्ड ऑफिस चौराहा पर बस टर्मिनस और फूड कोर्ट तैयार हुए लगभग तीन साल बीत गए हैं। मेट्रो व अन्य निर्माण कार्यों की वजह से यह अब तक शुरू नहीं हो पाया है। इसके बाद भी भोपाल स्मार्ट सिटी को रेवेन्यू मिल रहा है। निजी डेवलपर त्रिशूल कंस्ट्रक्शन इसके लिए स्मार्ट सिटी को 10 करोड़ रुपये से अधिक दे चुका है। यह कंपनी आयकर के छापों से सुर्खियों में आए राजेश शर्मा की है। 

भोपाल स्मार्ट सिटी ने छोटे-छोटे कामों के जरिए शहर को स्मार्ट और बेहतर बनाने की प्लानिंग की थी। टेक्टिकल अर्बनिज्म के तहत डीबी मॉल के सामने स्थित जमीन पर फूड कोर्ट, बस टर्मिनस व मनोरंजन की अन्य गतिविधियां विकसित करने की योजना बनाई। बोर्ड ऑफिस चौराहा से ज्योति टॉकीज रोड तक स्मार्ट स्ट्रीट तैयार की जाना थी। इस पर सात करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर इसका जिम्मा त्रिशूल कंस्ट्रक्शन को सौंपा गया। कंपनी को 30 साल के लिए जमीन दी गई है। इसके एवज में वह स्मार्ट सिटी को हर साल प्रीमियम दे रहा है। यह 30 वर्ष की अवधि में 12.17 करोड़ रुपये होती है। 

प्रोजेक्ट में यह खास

  • लो फ्लोर बसों के लिए इंटरचेंज टर्मिनस, यहां से यात्रियों को अन्य रूट की बसें मिल सकेंगी
  • बोर्ड ऑफिस चौराहा के पास लेफ्ट व राइट टर्न में दोनों तरफ खाली पड़ी जगह विकसित की गई
  • लोगों के लिए खाने-पीने की दुकानों के साथ ही घूमने-फिरने के लिए पाथ वे
  • वेटिंग रूम, पब्लिक बाइक, शेयरिंग स्टैंड
  • वाहनों के लिए स्मार्ट पार्किंग विकसित की जाएगी
  •  यात्रियों के बैठने के लिए शेड बनाए, टिकट वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी

2017 में भूमिपूजन, 2022-23  में तैयार हो पाया

वर्ष 2017 में  प्रोजेक्ट के लिए भूमिपूजन किया गया था। कंपनी ने काम शुरू ही किया था कि जमीन से लगातार पानी निकलने लगा। काफी समय तक नगर निगम और स्मार्ट सिटी के इंजीनियर इसका कारण पता नहीं लगा पाए। ऐसे में कार्य चालू नहीं हो पाया। बाद में पता पड़ा कि प्रोजेक्ट साइट के नीचे पानी की पाइप लाइन बिछी है और उससे लीकेज हो रहा है। इस समस्या का निराकरण करने के बाद प्रोजेक्ट चालू हो पाया। मिलन रेस्टोरेंट के सामने नगर निगम की पार्किंग के पास फूड कोर्ट का ही एक हिस्सा और यात्रियों के बैठने के लिए निर्माण किया जाना था। इसके लिए वहां से फूल की दुकानों और बिजली कंपनी के उपकरण शिफ्ट किए गए। इस दौरान प्लानिंग में भी बदलाव होते रहे। ऐसे में यह प्रोजेक्ट काफी देरी से वर्ष 2022-23 में पूरा हो पाया। हालांकि, अब तक यह सुविधा लोगों को अब तक नहीं मिल पाई है। अधिकारियों की मानें तो यह जिम्मेदारी प्रोजेक्ट करने वाली निजी कंपनी की है।