39. 51 एकड़ शासकीय जमीन निजी स्वायत्व में दर्ज, 121 लोग तलब
सतना | शासकीय जमीनों को फर्जी तरीके से निजी किए जाने के लगातार मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला अमौधा कला की 39.51 एकड़ शासकीय आराजी में सामने आया है जिसमें रघुराजनगर तहसील की अमौधा कला की आराजी नंबर 751 वार्षिक खतौनी, जमाबंदी 1958-59 में चार बटांकों में दर्ज है। बाद में यही आराजी बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश का उल्लेख किये पृथक-पृथक निजी भू-स्वामियों के नाम दर्ज हो गई है। प्रकरण को प्रथम दृष्ट्या ही संदिग्ध मानते कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने अपने न्यायालय में चल रहे राजस्व प्रकरण में इस आराजी से जुड़े 121 लोगों को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है। इन सभी को अपना पक्ष रखने के लिए दो मार्च का समय दिया गया है। इस दौरान अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ एकपक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इससे पहले 23 फरवरी को पेशी में 21 लोग अपना पक्ष रखने पहुंचे थे।
751/5 रकबे के 0.25 एकड़ में थर्मल स्टेशन दर्ज
अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) रघुराजनगर द्वारा अपने प्रतिवेदन में बताया है कि ग्राम अमौधा कला तहसील रघुराजनगर की वार्षिक खतौनी, जमाबंदी 1958-59 में ग्राम अमौधा कला की आराजी नंबर 751 चार बटांको में दर्ज है। जिसमें 751/1 रकबा 39.51 एकड़ शासकीय वर्ग-9 कृषि योग्य भूमि, आराजी नं. 751/1 रकबा 0.10 एकड़ मुस0 लक्ष्मीबाई राव, आराजी नं. 751/3 रकबा 0.10 एकड़ गोरेलाल राव एवं आराजी नं. 751/4 रकबा 0.15 एकड़ मुस0 दुईजी राव साकिन देह पट्टेदार कास्तरान के रूप में अभिलिखित है। हस्तलिखित खसरा वर्ष 1963-64 लगायत 1967-68 आधार वर्ष में आराजी नं. 751/1 रकबा 13.91 एकड़ कदीम, 751/5 रकबा 0.25 एकड़ थर्मल स्टेशन दर्ज है। वार्षिक खतौनी जमाबंदी में दर्ज रकबा की अपेक्षा आराजी नं0 751/3 का रकबा 0.40 एकड़ और आ.नं. 751/4 का रकबा 0.10 एकड़ दर्ज है।
बिना आदेश निजी हो गई जमीन
इस सम्बंध में मिली जानकारी के मुताबिक कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अजय कटेसरिया ने अपने न्यायालय में चल रहे राजस्व प्रकरण में तहसील रघुराजनगर की आराजी नंबर 751/1 और 751/3 वार्षिक खतौनी जमाबंदी वर्ष 1958-59 में शासकीय भूमि दर्ज होने और उसके बाद के खसरों में बिना किसी सक्षम आदेश के निजी भू-स्वामित्व दर्ज होने पर कुल 121 खातेदारों के नाम नोटिस जारी की है। इन सभी 121 निगराकारगणों को कलेक्टर न्यायालय में स्वयं अथवा अपने अभिकर्ता के माध्यम से उपस्थित होकर 2 मार्च को अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये गये है।
ओवर राइटिंग भी
आ.नं 751/3 और आ.नं 751/4 के रकबे में ओवर राइटिंग की गई है। आ.नं. 751/1 के वर्ष 1958-59 की वार्षिक जमाबंदी खतौनी में दर्ज रकबा 39.91 एकड़ से वर्तमान कम्प्यूटरीकृत खसरा में 123 बटांको में दर्ज है। जो कि रकबे में 0.54 एकड़ ज्यादा है। आराजी नं. 751/1 जो शासकीय भूमि वर्ष 1958-59 की खतौनी में दर्ज है, बाद में किसी आदेश का उल्लेख किये पृथक-पृथक निजी भू-स्वामियों के नाम दर्ज की गई है। जो कि प्रथम दृष्ट्या संदिग्ध है। कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ने अनुविभागीय अधिकारी रघुराजनगर के प्रतिवेदन पर म.प्र. भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 50 के तहत स्वमेव निगरानी में लेकर ग्राम अमौधा कला के 121 बटांकों में निजी स्वामित्व में दर्ज 121 निगराकागणों को नोटिस जारी कर 2 मार्च को न्यायालय में उपस्थित होकर पक्ष रखने को कहा गया है।