मेडिकल कॉलेज में 38 पद खाली, एक विभाग में प्रोफेसर तक नहीं
रीवा | मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और डिमांस्ट्रेटर के 38 पद खाली पड़े हैं। कॉलेज को डॉक्टर तलाशे नहीं मिल रहे हैं। हालात यह है कि मेडिकल कॉलेज के 7 विभाग ऐसे हैं, जिनमें काफी समय तक प्रोफेसर ही नहीं थे। अब भी एक पद खाली है। विभागाध्यक्ष की कुर्सी सह प्राध्यापक सम्हाल रहे। ऐसे में मेडिकल कॉलेज के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।
श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में पहले से हालात बेहतर हुए हैं, लेकिन अच्छे बिल्कुल नहीं है। अभी भी यहां छात्रों को पढ़ाने वाले डॉक्टरों का टोटा है। कॉलेज में प्रोफेसर से लेकर डिमास्ट्रेटर तक करीब 238 पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध कॉलेज में सिर्फ 200 ही पद भरे जा सके हैं। अभी भी 38 पद खाली पड़े हुए हैं। हद तो यह है कि कई विभाग ऐसे हैं, जहां प्रोफेसर तक की नियुक्ति कॉलेज प्रबंधन और शासन नहीं कर पाया है। 1 अभी भी ऐसा विभाग है जिसके लिए विभागाध्यक्ष की तलाश है। फिलहाल सारा काम प्रभारी के ही जिम्मे जूनियर चला रहे हैं। खाली पदों के कारण कॉलेज में पढ़ाई के साथ ही अस्पताल में मरीजों का इलाज भी प्रभावित हो रहा है।
सरल नियम के बाद भी नहीं मिले डॉक्टर
मेडिकल कॉलेज में खाली पदों को भरने के लिए शासन ने नियम भी लचर कर दिए। इसके बाद भी प्रोफेसर, रीडर और लेक्चरर ढूढ़ें नहंी मिल रहे हैं। कई पद भर तो दिए गए हैं, इसके बाद भी कई औरों की जरूरत बनी हुई है। मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया की रिक्वायरमेंट के हिसाब से कॉलेज में 238 पद भरना अनिवार्य है,लेकिन 38 अभी भी कम पड़ रहे हैं। वैसे रिक्त पदों पर गौर करें तो मेडिकल कॉलेज में सबसे अधिक असिस्टेंट प्रोफेसरों की कमी है। इसके अलावा एक विभाग ऐसा है जहां प्रोफेसर ही नहीं है।