मऊगंज में एक कमरे में 172 बच्चे, खुले आसमान के नीचे चल रही पढ़ाई

विद्यालय में कुल 172 छात्र हैं, लेकिन भवन की भारी कमी के कारण अधिकांश कक्षाएं पेड़ के नीचे या एकमात्र कमरे में संचालित की जाती हैं। बारिश के मौसम में सभी बच्चे एक ही कमरे में ठूंसे जाते हैं।

मऊगंज में एक कमरे में 172 बच्चे, खुले आसमान के नीचे चल रही पढ़ाई

राजेंद्र पयासी -मऊगंज

प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर शैक्षणिक माहौल उपलब्ध कराने को लेकर सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहे हैं बावजूद नवगठित मऊगंज जिले में कई ऐसे विद्यालय हैं जहां आधारभूत संरचना के अभाव को लेकर बच्चों के साथ-साथ शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

नवगठित मऊगंज जिले के एक सरकारी स्कूल की तस्वीर को देखकर लगता है कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षा मजाक बनकर रह गई है। जमीनी स्थिति देखकर साबित होता है कि मात्र एक कमरे में संचालित आठवीं तक की इस विद्यालय में जहां 172 छात्र अध्ययन करते हैं और पांच शिक्षक पदस्थ हैं ऐसी विद्यालय में जहां छात्रों को बैठने तक के लिए व्यवस्था नहीं है। 

उससे साबित होता है कि यहां अध्ययनरत छात्र शिक्षा नहीं बल्कि लाचारी का पाठ पढ़ रहे हैं..? नवगठित मऊगंज जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खैरा विकासखंड हनुमना कि यह तस्वीर साबित करती है कि सरकार की शिक्षा व्यवस्था बच्चों के साथ मजाक कर रही है।

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खुले आसमान के नीचे शिक्षा-

शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खैरा में पर्याप्त भवन न होने के कारण बच्चों का पठन-पाठन विद्यालय परिसर स्थित पेड़ के नीचे होता है इधर अन्य मौसम में तो पेड़ की छाया में एवं खुले आसमान के नीचे स्कूल चलती है तो बारिश होते ही 172 बच्चे एक ही कमरे में कैद हो जाते हैं।

स्कूल भवन का अधूरा पड़ा निर्माण कार्य-

मऊगंज जिले के जिस शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खैरा में विद्यालय भवन की कमी के कारण एक कमरे में 172 बच्चे शिक्षा अध्ययन करने को मजबूर है वास्तव में इसकी हकीकत कुछ और है बच्चों के पठन-पाठन हेतु बेहतर विद्यालय भवन के लिए सरकार द्वारा राशि मंजूर की गई निर्माण एजेंसी द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया उपरांत बंद कर दिया गया जिसके कारण आज तक भवन निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया .

यही कारण है कि आज विद्यालय में अध्यनरत 172 बच्चे एवं आंगनवाड़ी केंद्र के छोटे-छोटे नौनिहाल बारिश के मौसम में एक कमरे एवं अन्य मौसम में खुले आसमान के नीचे शिक्षा अध्ययन करने को मजबूर है।

यहां सबसे बड़ा सवाल उठता है कि जिम्मेदार स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी आखिर यह ध्यान क्यों नहीं दे पाए की भवन का निर्माण क्यों बंद है सवाल या उठना है कि क्या जिम्मेदार विभाग किसी बड़े हादसे के इंतजार में है ? इतना ही नहीं सवाल यह भी उठना है कि इस अव्यवस्था का जिम्मेदार कौन है ?

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अतिथि शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन-

शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय खैरा में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति न होने के कारण अतिथि शिक्षकों के भरोसे शिक्षा व्यवस्था चल रही है। बताया गया है कि पदस्थ प्रधानाध्यापक द्वारा बर्ती जा रही तथाकथित अनियमितता और विद्यालय भवन के अभाव से अध्यनरत बच्चों की पढ़ाई में सीधा असर पढ़ रहा है।

एक तरफ जहां बच्चों को बैठने के लिए छाया नहीं है वही अनुकूल वातावरण के साथ अध्यापन कार्य के अलावा शासन की मध्यान भोजन जैसी अन्य योजनाओं लाभ छात्र-छात्राओं को नहीं मिल पा रहा है जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

विद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि संसाधन के अभाव के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है कमरों के अभाव में रोजाना बच्चे विषयवार शिक्षा अध्ययन नहीं कर पाते, यही कारण है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है।
शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के जो हालात हैं उससे प्रश्न उठता है कि क्या इन मासूमों को कभी सच्ची शिक्षा मिलेगी या फिर सब कुछ पुराने ढर्रे पर चलता रहेगा।

इनका कहना है 

स्कूल भवन निर्माण का कार्य आज तक पूर्ण नहीं कराया जा सका, जिसके कारण एक ही कमरे में बच्चों को बैठाना मजबूरी है। अतिरिक्त भवन की की व्यवस्था की जा रही है जिससे बच्चों का पठन-पाठन सुचारू रूप से चल सके। 

देवेंद्र मिश्रा 
विकासखंड शिक्षा अधिकारी हनुमना