जल गंगा संवर्धन अभियान में लगातार हो रहा पानी को सहेजने का प्रयास
रीवा और मऊगंज जिलों में 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जल संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में चेक डैम, खेत तालाब और शहरी क्षेत्रों में रिचार्ज पिट व वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण शामिल है। जनभागीदारी और श्रमदान से नदी गहरीकरण, तालाबों की सफाई और हैण्डपंपों की मरम्मत जैसे कार्यों से जल स्रोतों को पुनर्जीवित किया जा रहा है।

रीवा और मऊगंज जिले में 30 मार्च से 30 जून तक जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पानी को सहेजने के लिए जल संरक्षण से जुड़े निर्माण कार्य बड़े पैमाने पर किये जा रहे हैं। नगरीय निकायों में हैण्डपंपों मे रिचार्ज पिट बनाने तथा पक्के घरों वाटर हार्वेधस्टग सिस्टम लगाने का कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में चेक डैम, बोरी बांध खेत तालाब और अमृत सरोबरों का निर्माण किया जा रहा है।
इस संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मेहताब सिंह गुर्जर ने बताया कि ग्राम पंचायत नीबा में दो खेत तालाबों का निर्माण किया जा रहा है। नगर परिषद मऊगंज में अभियान के तहत मऊकूप की साफ सफाई तथा पेयजल की पाइप लाइन की मरम्मत का कार्य किया गया। नगर परिषद के रानीतालाब तथा सुंदर पुरवा तालाब में साफ सफाई का कार्य किया गया। नगर परिषद डभौरा द्वारा 14 हैण्डपंपों में सुधार कराकर उन्हें चालू कराया गया साथ ही रामजानकी मंदिर के पास नाले एवं लेदरी नदी में साफ सफाई का कार्य कराया गया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि जल संरक्षण के वन विभाग में घिनौचीधाम के जल स्त्रोतों की साफ सफाई करायी। इससे वन्य प्राणियों और पशु-पक्षियों को स्वच्छ जल उपलब्ध हो रहा है। हनुमना में भी तीन जल स्त्रोतों का साफ सफाई एवं सुधार का कार्य किया गया। जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत 30 अप्रैल को ग्राम पंचायत अकौरी में मतीदहा नदी में साफ सफाई एवं गहरीकरण का कार्य किया गया। सरपंच अच्छेलाल साकेत, अंशू सिंह तथा जनअभियान परिषद से जुड़ी समितियों के सदस्यों ने श्रमदान करके नदी में बोरी बांध का निर्माण कराया। बांध बन जाने से बड़ी मात्रा में पानी संचित हो गया है। अभियान के तहत औद्योगिक विकास निगम में 12 औद्योगिक इकाईयों में वाटर हार्वेधस्टग सिस्टम का निर्माण कराया है। इससे बारिश के पानी को जमीन में संचित करने में सहायता मिलेगी। इसी तरह जिले भर में जल संरक्षण के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।