खादी ग्रामोद्योग भंडार 25 दिनों से बंद, दो प्रबंधकों की खींचतान से शासन को लाखों का नुकसान

रीवा के अमहिया क्षेत्र में स्थित शासकीय खादी ग्रामोद्योग भंडार, जो पिछले 40 वर्षों से संचालित हो रहा था, बीते 25 दिनों से बंद पड़ा है। यह भंडार रीवा संभाग का एकमात्र अधिकृत केंद्र है, जहां शासन द्वारा प्रोत्साहित खादी वस्त्रों की बिक्री की जाती थी। भंडार के बंद होने का मुख्य कारण दो प्रबंधकों के बीच प्रशासनिक खींचतान को माना जा रहा है। जिससे शासन को भी लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है।

खादी ग्रामोद्योग भंडार 25 दिनों से बंद, दो प्रबंधकों की खींचतान से शासन को लाखों का नुकसान

रीवा । अमहिया क्षेत्र में स्थित खादी ग्रामोद्योग भंडार, जो बीते चार दशकों से होटल एम.एन. गैलेक्सी के नीचे संचालित हो रहा था, बीते 25 दिनों से बंद पड़ा है। इस भंडार को रीवा संभाग का एकमात्र शासकीय खादी बिक्री केंद्र माना जाता है, जहां शासन द्वारा प्रोत्साहित किए जा रहे खादी वस्त्रों की नियमित बिक्री होती थी।

भंडार के अनियमित संचालन से जहां आमजन को खादी वस्त्रों की उपलब्धता में कठिनाई हो रही है, वहीं शासन को भी प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान झेलना पड़ रहा है। भंडार बंद होने का मुख्य कारण दो प्रबंधकों के बीच चल रही प्रशासनिक खींचतान है।

पहले यहां के प्रबंधक सत्य सागर थे, जिनका हाल ही में स्थानांतरण शहडोल कर दिया गया। उनकी जगह भोपाल से स्थानांतरित होकर आए  चढ़ार ने कार्यभार संभालना था, लेकिन वे भंडार खोलने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

ऐसे में भंडार पूरी तरह से बंद पड़ा है और खादी उत्पाद खरीदने आए सैकड़ों ग्रामीण व शहरी ग्राहक रोज़ाना निराश होकर लौट रहे हैं,इस पूरे मामले पर भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन ने कड़ा संज्ञान लेते हुए मांग की है कि शासन को हुए आर्थिक नुकसान की जिम्मेदारी तय की जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

एसोसिएशन ने यह भी सवाल उठाया है कि आखिर किनके निर्देश पर भंडार इतने लंबे समय से बंद पड़ा है?