आवारा कुत्तों को लेकर SC का आदेश, स्कूल, कॉलेज, अस्पताल में हटाएं जाएं कुत्ते, नसबंदी कर शेल्टर होम रखें
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में बड़ा आदेश दिया है. SC ने कहा है कि कुत्तों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का लिया गया निर्णय पूरे देश में लागू होगा
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों से जुड़े मामले में बड़ा आदेश दिया है. SC ने कहा है कि कुत्तों को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट का लिया गया निर्णय पूरे देश में लागू होगा. सभी स्टेट और नेशनल हाईवे से आवारा पशु हटाए जाएं. आवारा कुत्तों से निपटने के लिए अस्पतालों, स्कुलों और कॉलेज कैंपस में बाड़ लगाएं. साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन जगहों से आवारा कुत्तों को उठाया गया था दोबारा उसी जगह पर न छोड़ा जए. इस मामले में जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच में सुनवाई हुई.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी राज्यों के सचिव इस आदेश को सख्ती से लागू करवाएं. स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा 3 हफ्ते में दायर किया जाए. इस मामले में अगली सुनवाई अब 13 जनवरी को होगी. 3 महीने पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को सड़कों से आवारा जानवारों को हटाने का आदेश दिया था. कहा था कि कार्रवाई को प्रभावित करने वालों के खिलाफ FIR भी होगी.
कोर्ट के आदेश की कुछ जरूरी बातें
कोर्ट ने एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. जिसमें आवारा पशुओं की मौजूदगी की सूचना दी जाएगी.
सभी राज्यों के मुख्य सचिव इन निर्देशों का सख्ती से पालन करवाएंगे. स्टेटस रिपोर्ट और हलफनामा 3 हफ्ते में दायर किया जाए.
राज्य सरकारें और UT 2 हफ्ते में ऐसे सरकारी और निजी स्कूल-कॉलेज, अस्पतालों की पहचान करेंगी, जहां आवारा जानवर और कुत्ते घूमते हैं. उनकी एंट्री रोकने के लिए कैंपस में बाड़ लगाई जाएगी.
रखरखाव के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त होगा. नगर निगम, नगर पालिका और पंचायत हर 3 महीने में कम से कम एक बार इन कैंपस की जांच करें.
पकड़े गए आवारा कुत्तों को उसी जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा, जहां से उन्हें उठाया गया था.
सरकारी कैंपस में कुत्तों को खाना खिलाने के बनेंगे नियम: SC
सुप्रीम कोर्ट ने 3 नवंबर को कहा था कि वह सरकारी बिल्डिंग्स के कैम्पस में कुत्तों को खाना खिलाने के नियम के लिए निर्देश जारी करेगा. कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने से भी राहत दी थी. लेकिन चेतावनी दी थी कि हलफनामे में चूक हुई, तो उन्हें पेश होना पड़ेगा.
कैसे शुरू हुआ यह मामला
यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने 28 जुलाई को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वयं नोटिस में लिया था. इसमें दिल्ली में खासकर बच्चों के बीच,आवारा कुत्तों के काटने और उससे होने वाले रेबीज के मामलों की जानकारी दी गई थी. बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का दायरा दिल्ली-एनसीआर तक सीमित न रखते हुए इसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कर दिया था.
shivendra 
