रेबीज से युवक की मौत, अस्पताल प्रबंधन और डॉ. राकेश पटेल पर गंभीर आरोप

रीवा के गुढ़ निवासी सुधीर पांडेय की कुत्ते के काटने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने विहान हॉस्पिटल और डॉक्टर राकेश पटेल पर लापरवाही और इलाज के नाम पर डेढ़ लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया है।

रेबीज से युवक की मौत, अस्पताल प्रबंधन और डॉ. राकेश पटेल पर गंभीर आरोप

रीवा शहर में कुत्ते के काटने से संक्रमित एक युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टर पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं।

मृतक युवक की पहचान गुढ़ निवासी सुधीर पांडेय के रूप में हुई है। घटना के बाद परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल में जमकर हंगामा किया। सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंची।

परिजनों ने डॉक्टर राकेश पटेल और विहान हॉस्पिटल प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, करीब 20 दिन पहले सुधीर पांडेय को एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था। इसके बाद उन्हें रेबीज के चार इंजेक्शन भी लगाए गए, लेकिन उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ।

स्थिति बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें विहान हॉस्पिटल में भर्ती कराया।

परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल में भर्ती कराने के बाद डॉक्टर राकेश पटेल एक बार भी मरीज को देखने नहीं आए। साथ ही इलाज के नाम पर डेढ़ लाख रुपये से अधिक की फीस वसूली गई।

इसके बाद मरीज को संजय गांधी अस्पताल में रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां भी डॉक्टर राकेश पटेल देखने नहीं पहुंचे। आखिरकार बुधवार शाम सुधीर पांडेय की मौत हो गई। 

मृतक के परिजन 

प्राइवेट अस्पतालों में मुनाफाखोरी का धंधा 

ऐसी सारी घटनाएं अस्पतालों की कार्यशैली और निजी चिकित्सा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं और रीवा में यह कोई पहली घटना नहीं है जब अस्पताल प्रबंधन और डॉक्टरों की लापरवाही के आरोप सामने आए हों। इससे पहले भी कई दूसरे अस्पतालों को लेकर भी ऐसी घटनाएं जानकारी में आती रहती हैं 

इसको लेकर लोगों का भी यही कहना है कि सरकारी अस्पतालों से जुड़े कई डॉक्टर अपने निजी हॉस्पिटल संचालित कर रहे हैं, जहां इलाज के नाम पर मरीजों के परिजनों से मनमाने पैसे वसूले जाते हैं और मरीजों का इलाज के नाम पर जमकर शोषण किया जाता है 

कुछ दिन पहले रीवा के मिनर्वा हॉस्पिटल से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें एक मरीज की मृत्यु के बाद भी परिजनों से लाखों रुपये वसूले गए थे। 

ऐसी सारी  घटनाओं से आमजन में आक्रोश है और यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या चिकित्सा सेवा अब पेशा नहीं, बल्कि सिर्फ एक मुनाफाखोरी का धंधा बन चुकी है? रीवा में इस तरह की घटनाएं लगातार उजागर हो रही हैं, लेकिन इन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही।