एक दिन में 60 से 70 रोटी खाने के बाद भी कमजोरी महिला को अजीबोगरीब बीमारी

एक दिन में 60 से 70 रोटी खाने के बाद भी कहती है- मैं कमजोरी से परेशान हूं महिला को अजीबोगरीब बीमारी

एक दिन में 60 से 70 रोटी खाने के बाद भी कमजोरी  महिला को अजीबोगरीब बीमारी

राजगढ़ : मध्य प्रदेश के राजगढ़ से हैरान करने वाला मामला सामने आया। मंजू सौंधिया नाम की महिला दिनभर में 60 से 70 रोटियां खाने के बावजूद कमजोरी और भूख की शिकायत करती है। उसकी इस स्थिति से उसके ससुराल और मायके वालों को परेशानी में डाल दिया है। डॉक्टरों के लिए भी एक चुनौती बन गई है। क्योंकि मंजू का इलाज राजस्थान के कोटा, झालावाड़, इंदौर, भोपाल, राजगढ़ और ब्यावरा में करवाया। लेकिन उसे इस समस्या से छुटकारा नहीं मिला।

कैसे शुरू हुई यह समस्या?

राजगढ़ के सुठालिया कस्बे के नेवज गांव की रहने वाली मंजू पहले स्वस्थ थी। लेकिन तीन साल पहले उसे यह बीमारी हुई। उन्हें पहले टाइफाइड हुआ था, जिससे वे ठीक हो गईं, लेकिन इसके बाद से उनकी खाने की आदत असामान्य हो गई। शुरू में वे 20-30 रोटियां खाती थीं, लेकिन धीरे-धीरे यह संख्या बढ़कर 60-70 तक पहुंच गई। इस दौरान उनकी कमजोरी की शिकायत बनी रही ।

मंजू का इलाज करने वाली डॉ. कोमल दांगी ने बताया कि मंजू को छह महीने पहले घबराहट की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती किया गया था। उपचार के बाद उनकी स्थिति में सुधार हुआ, लेकिन कमजोरी की शिकायत दोबारा शुरू हो गई। डॉक्टरों ने पाया कि मंजू को अन्य दवाएं देने पर लूज मोशन की समस्या होती है, जिसके कारण दवाइयों का उपयोग सीमित हो गया है।

क्या है यह अजीब बीमारी?

डॉ. दांगी ने बताया कि मंजू की इस असामान्य खाने की आदत को चिकित्सकों ने एक मानसिक स्वास्थ्य विकार (साइकियाट्रिक डिसऑर्डर) कहते है। यह स्थिति पिका (Pica) या बुलिमिया नर्वोसा (Bulimia Nervosa) जैसे खाने के विकारों से संबंधित हो सकती है, जहां व्यक्ति को लगता है कि उसने खाना नहीं खाया। अब चाहे उनसे पर्याप्त भोजन कर ही क्यों ना लिया हो। इसलिए व्यक्ति अपने मन को शांत करने के लिए बार-बार खाना खाता रहता है। इसलिए मंजू को भी ऐसा लगता है कि उन्होंने खाना नहीं खाया, जिस वजह से वे बार-बार रोटी खाती हैं और पानी पीती हैं।

मंजू की इस बीमारी ने उनके परिवार को गहरे संकट में डाल दिया है। परिवार ने इलाज के लिए अब तक 5 से 7 लाख रुपये खर्च किए हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इसके बावजूद, उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है और बीमारी का कोई स्थायी समाधान नहीं मिल पाया है। दूसरी तरफ, डॉ. दांगी ने परिवार को सुझाव दिया है कि मंजू की रोटी खाने की आदत को धीरे-धीरे कम किया जाए। इसके लिए उन्हें खिचड़ी, फल, और अन्य पौष्टिक खाद्य पदार्थ दिए जाए। यह बदलाव उनकी मानसिक आदत को सुधारने में मदद कर सकता है।