धनखड़ के बाद कौन बनेगा देश का उपराष्ट्रपति? बिहार से दावेदारी

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए नामों की चर्चा तेज हो गई है। बिहार से कई नेता उपराष्ट्रपति पद की दौड़ में सामने आ रहे हैं, जिससे राजनीतिक समीकरण भी बदल सकते हैं।

धनखड़ के बाद कौन बनेगा देश का उपराष्ट्रपति? बिहार से दावेदारी

मानसून सत्र का पहला दिन शुरू ही हुआ था कि देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके पीछे की वजह उन्होंने स्वास्थ्य समस्या बताया। कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को उनसे बात करनी चाहिए और उन्हें मनाना चाहिए। हालांकि मोदी ने ट्वीट कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। इससे यह तय हो गया है कि अब धनखड़ उपराष्ट्रपति नहीं रहेंगे... लेकिन सवाल है कि अब देश का अगला उप राष्ट्रपति कौन बनेगा?

उपराष्ट्रपति का चुनाव होता कैसे है? 

उपराष्ट्रपति का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं किया जाता। इसके लिए एक विशेष निर्वाचन मंडल होती है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 66 कहता है कि उपराष्ट्रपति का चुनाव निर्वाचन मंडल के सदस्यों द्वारा होता है। इस मंडल में दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं। ये सदस्य मिलकर उपराष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। चुनाव में राज्य की विधानसभा का कोई रोल नहीं होता।

उपराष्ट्रपति बनने की योग्यता

चलिए अब जानते हैं कि उपराष्ट्रपति बनने के लिए क्या criteria होते हैं। तो उपराष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए, उसकी उम्र 35 साल से ऊपर होनी चाहिए, साथ ही उसे राज्यसभा का सदस्य चुने जाने जितना योग्य भी होना चाहिए। मान लीजिए कि अगर कोई उम्मीदवार दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य होता है और उसे उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना जाता है तो उसे अपनी सदस्यता खत्म करनी पड़ती है, इसके बाद ही वो उपराष्ट्रपति बन सकता है। इसके साथ ही उपराष्ट्रपति कोई भी सरकारी पद पर नहीं होना चाहिए और अगर है तो उसे वो पद छोड़ना पड़ता है।

उपराष्ट्रपति का काम क्या होता है?
उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के बाद दूसरा सबसे बड़ा पद होता है। भारत का उपराष्ट्रपति राज्यसभा के अध्यक्ष के तौर पर विधायी कार्यों यानी legislative work में भी हिस्सा लेता है। इनका कार्यकाल 5 सालों का होता है।

लेकिन अगर उपराष्ट्रपति समय से पहले इस्तीफा दे दें फिर क्या होता है? फिर कैसे इलेक्शन होते हैं?

संविधान के अनुच्छेद 68 के खंड 2 के तहत, अगर उपराष्ट्रपति समय से पहले इस्तीफा दे देते हैं तो उनके उत्तराधिकारी का चुनाव जल्द से जल्द करवाना जरूरी होता है। यानी जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब जल्द ही सरकार को नए उपराष्ट्रपति का चुनाव कराना होगा।

चलिए अब उन उम्मीदवारों के बारे में चर्चा करते हैं जिनका नाम उपराष्ट्रपति के लिए सामने आ रहा है।

बिहार में विधानसभा चुनाव शुरू होने वाले हैं ऐसे में यह तय है कि बीजेपी इसका फायदा जरूर उठाएगी। हो सकता है कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी बिहार से ही किसी उम्मीदवार को चुने। बिहार चुनावों को ध्यान में रखते हुए देखा जाए तो राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह और स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर के बेटे राम नारायण ठाकुर के नाम सामने आ रहे हैं। इसके अलावा बहुत से लोग नीतीश कुमार का भी नाम ले रहे हैं। हालांकि काफी कम चांस हैं कि नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति के लिए चुना जाए।

उपराष्ट्रपति के उम्मीदवारों में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत का नाम सबसे आगे आ रहा है इसके अलावा सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर का भी नाम शामिल है।

निर्मला सीतारमण और वसुंधरा राजे जैसे नाम भी सामने निकल कर आ रहे हैं, हालांकि राष्ट्रपति के पद पर एक महिला हैं तो हो सकता है कि उपराष्ट्रपति किसी पुरुष को बनाया जाए। मोदी कैबिनेट के मंत्री नितिन गडकरी का भी नाम निकल कर सामने आ रहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस बात की पूरी संभावना है कि एनडीए टीडीपी या जेडीयू में से किसी सदस्य को चुनेगी। क्योंकि इससे भाजपा और उसके सहयोगियों के बीच के संबंध और मजबूत होंगे। भाजपा के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि सरकार का उम्मीदवार “ऐसा व्यक्ति होगा जो पूरी तरह से वफादार हो।” और लंबे समय से एनडीए से जुड़ा हो।

इस तरह उपराष्ट्रपति को लेकर कई नाम सामने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को चार दिवसीय विदेशी दौरे पर रवाना हो गए हैं, इसलिए यह बैठक अब उनके लौटने के बाद ही होगी।