सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम के बीच रीवा पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तीन दिवसीय प्रवास पर रीवा पहुंचे, जहां वे वरिष्ठ स्वयंसेवकों के विशेष अभ्यास वर्ग में भाग ले रहे हैं। इस शिविर में सेवा, अनुशासन, राष्ट्रनिष्ठा और संगठनात्मक कौशल जैसे विषयों पर सत्र आयोजित हो रहे हैं, जिनमें डॉ. भागवत स्वयं भी मार्गदर्शन दे रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम के बीच रीवा पहुंचे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

रीवा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत तीन दिवसीय प्रवास पर गुरुवार को रीवा पहुंचे। निराला नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर परिसर में चल रहे विशेष अभ्यास वर्ग में भाग लेने के लिए उनका आगमन हुआ। यह प्रशिक्षण शिविर 40 वर्ष से 65 वर्ष के बीच आयु के वरिष्ठ स्वयंसेवकों के लिए आयोजित किया गया है, जिसमें मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के करीब 300 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। संघ प्रमुख की रीवा यात्रा को लेकर प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी। उनके आगमन पर प्रमुख चौराहों, मार्गों और कार्यक्रम स्थल पर पुलिस बल की तैनाती की गई। सरसंघचालक के रीवा पहुंचते ही निराला नगर मार्ग पर कुछ समय के लिए यातायात भी रोका गया था। डॉ. भागवत ने शिविर का विधिवत शुभारंभ किया और स्वयंसेवकों से संवाद करते हुए सेवा, अनुशासन और राष्ट्रनिष्ठा पर बल दिया। 


प्रेरक सत्रों की श्रृंखला जारी

तीन दिवसीय अभ्यास वर्ग में वरिष्ठ प्रचारकों द्वारा विविध विषयों पर सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और संगठन कौशल जैसे विषय शामिल हैं। डॉ. भागवत भी अलग-अलग सत्रों में स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे। पहले दिन, 250 से अधिक स्वयंसेवकों के साथ उनका परिचय सत्र आयोजित किया गया, जिसमें उन्होंने संघ कार्य के मूल तत्वों पर प्रकाश डाला।

प्रवेश पर रही कड़ी निगरानी

अभ्यास वर्ग की गोपनीयता बनाए रखने के उद्देश्य से आयोजन स्थल पर केवल नामांकित पदाधिकारियों और प्रशिक्षार्थियों को ही प्रवेश दिया गया है। मीडिया प्रतिनिधियों और आम नागरिकों के लिए स्थल पूरी तरह बंद रखा गया।

योग व दिनचर्या का अवलोकन करेंगे सरसंघचालक

डॉ. भागवत शुक्रवार सुबह योग, प्राणायाम और दैनिक दिनचर्या से जुड़ी गतिविधियों का अवलोकन करेंगे। उनका यह प्रवास 24 मई तक चलेगा, जिसके उपरांत वे शाम 4 बजे रीवा से प्रस्थान करेंगे।

शिविर बना संगठनात्मक ऊर्जा का केंद्र

रीवा में आयोजित यह अभ्यास वर्ग संघ के कार्यकर्ताओं के लिए न केवल शारीरिक और वैचारिक प्रशिक्षण का अवसर है, बल्कि आत्मविश्लेषण और संगठनात्मक ऊर्जा के पुनर्निर्माण का केंद्र भी बन रहा है। संघ की दीर्घकालिक रणनीति में इस प्रकार के शिविर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, और भागवत की उपस्थिति इसे और अधिक प्रभावशाली बना रही है।