एजुकेट गर्ल्स’ NGO को रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड 2025: सम्मान पाने वाली पहली भारतीय संस्था, 20 लाख से अधिक बच्चियों को स्कूल लौटाया
भारत की गैर-लाभकारी संस्था ‘एजुकेट गर्ल्स’ (Educate Girls) को एशिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड 2025 मिला है.

Ramon Magsaysay award 2025: भारत की गैर-लाभकारी संस्था ‘एजुकेट गर्ल्स’ (Educate Girls) को एशिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड 2025 मिला है. यह अवार्ड हासिल करने वाली भारत की पहली NGO बनकर संस्था ने एतिहास रच दिया है. संस्था को यह सम्मान 20 लाख से अधिक स्कूल से वंचित बच्चियों को दोबारा शिक्षा से जोड़ने के लिए मिला है.
2007 में शुरुआत, आज लाखों तक पहुंच
सफीना हुसैन ने 2007 में राजस्थान के पाली से NGO की शुरूआत की थी. सफीना लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएट है. और 2007 तक सैन फांसिस्को में काम कर रही थीं. इसके बाद उन्होंने भारत लौटकर महिला निरक्षरता को दूर करने का बीड़ा उठाया. और ग्रामीण भारत में शिक्षा की दिशा ही बदल दी. संस्था ने सरकारी स्कूलों और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया कि हर बच्ची स्कूल लौटे और वहां टिके.
✨ History Made! ✨#EducateGirls has received the 2025 Ramon @MagsaysayAward, the first Indian organisation to be honoured! ????????
— Educate Girls (@educate_girls) August 31, 2025
This win is for our Board, partners, donors, government, communities, teams, and above all, the girls who inspire us every day.#GreatnessOfSpirit pic.twitter.com/i8lr2uFWZE
2 मिलियन से ज़्यादा बच्चियों को स्कूल वापसी
अब तक ‘एजुकेट गर्ल्स’ ने 2 मिलियन (20 लाख) से अधिक लड़कियों को स्कूल में दाखिला दिलाया है. इसके पीछे संस्था का मजबूत "Team Balika" स्वयंसेवक नेटवर्क है, जिसमें 23,000 से ज्यादा ग्रामीण स्वयंसेवक काम कर रहे हैं. एजुकेट गर्ल्स अब तक 30 हजार से ज्यादा गांवों में काम कर चुकी है. 55,000 से अधिक सामुदायिक वालंटियर्स (टीम बालिका ) की मदद से 20 लाख से ज्यादा बच्चियों को स्कूल वापिस लाने और 24 लाख से ज्यादा बच्चों की बेहतर पढ़ाई में मदद दी है. आने वाले समय में संस्था का लक्ष्य है कि एक करोड़ से ज्यादा बच्चों तक पहुंचा जाए और शिक्षा के जरिए गरीबी और अशिक्षा के चक्र को तोड़ा जाए.