थानों में मौजूद कई रजिस्टर अधूरे देखकर नाराज हुए कमिश्नर

डीजीपी से मिले आदेश के बाद पुलिस कमिश्नर गोविंदपुरा थाने पहुंचे, कई थानों में बल की भारी कमी भी उजागर, पुलिस मुख्यालय भेजी जाएगी रिपोर्ट

थानों में मौजूद कई रजिस्टर अधूरे देखकर नाराज हुए कमिश्नर
police commissioner harinarayan chari mishra

पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाणा ने सभी मैदानी अफसरों को निरीक्षण का टास्क दिया. निरीक्षण की रिपोर्ट डीजीपी ने सभी अफसरों से पुलिस मुख्यालय को भेजने के भी निर्देश दिए हैं. यह आदेश मिलने के बाद पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र गोविंदपुरा थाने पहुंचे. यहां थानों में भारी लापरवाहियां उन्हें देखने को मिली. 

पुलिस सूत्रों के अनुसार थानों में अधिकांश रजिस्टरों में एंट्री ही नहीं थी. संबंधित काम देखने वाले कर्मचारियों से सफाई मांगी तो थाना प्रभारी ने बताया कि वे नवाचार के तहत जूनियरों को यह काम करा रहे हैं. पुलिस कमिश्नर ने बीट प्रणाली को समझते हुए कई बीट के निगरानी बदमाशों का ब्यौरा संबंधित प्रभारियों से भी मांगा. उन्होंने ई—इंवेस्टीगेशन ऐप प्रशिक्षण में गए कर्मचारियों के बारे में पूछा. कुछ लोगों ने बताया तो उनसे उसकी बारीकी और फायदे के बारे में पूछ लिया. थानों के भीतर स्वच्छता के अलावा पीडि़तों के प्रति व्यवहार वाले रजिस्टर का भी अवलोकन किया. पुलिस कमिश्नर के अलावा भोपाल शहर के सभी चार जोन के डीसीपी ने भी अलग—अलग थानों में जाकर अचानक आधी रात को निरीक्षण किया. यह सारी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय जाएगी, जिसमें पीएचक्यू के आदेश पर दिए गए बिंदुओं पर समीक्षा करके आगामी कमजोरियों के सुधार के संबंध में बताया जाएगा. 

कई थानों में महिला अफसरों की भारी कमी

पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ थानों में पहुंचे डीसीपी को बताया गया कि उनके थानों में महिला अधिकारी नहीं होने के कारण उन्हें दूसरे थानों के भरोसे में रहना पड़ता है. एफआईआर में देरी से लेकर आने वाली दूसरी तकनीकी बाधाओं को लेकर स्थिति बताई गई. दरअसल, ई—इंवेस्टीगेशन में एंट्री डालने के बाद संबंधित कर्मचारी की सीसीटीएनएस आईडी अलॉट नहीं होने की भी समस्या बताई गई. एसआई से लेकर पुलिस कांस्टेबल की सीसीटीएनएस आईडी बनाने का काम एससीआरबी देखता हैं. कई बार थानों से रिमांइडर भेजे जाने के बावजूद कोई पहल नहीं की गई. 

क्यों कराई जा रही है एक्सरसाइज

पुलिस मुख्यालय की प्रशासन शाखा से पिछले दिनों तैनाती को लेकर एक आदेश जारी हुआ था. इसमें यह बात सामने आई थी कि कई थानों में अफसर लंबे समय से तैनात थे. पुलिस मुख्यालय की दूसरी शाखाएं जो थानों के लिए दिशा—निर्देश देती हैं जैसे सीआईडी, महिला शाखाएं, प्रशासन, आरएपीटीसी, एससीआरबी समेत अन्य विभागों का सीधा कनेक्शन थानों से होता है. पुलिस मुख्यालय के सारे विभाग का थानों से कितना जीवंत संपर्क है, यह पता लगाने के अलावा संबंधित शाखाओं के बीच संवाद की कमी का पता लगाना मकसद है. इसके अलावा पुलिस प्रशिक्षण का फीडबैक लेने के अलावा मैदानी फोर्स में किस तरह के सुधार की आवश्यकता है यह पता लगाना मकसद था. इन सभी बिंदुओं की एक रिपोर्ट बनाई जाएगी, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय में सारे शाखाओं के प्रमुखों के साथ डीजीपी बैठक करके अगली रणनीति बनाने जा रहे हैं.

पांच घंटे में अधिकारियों ने 565 थानों में देखी व्यवस्थाएं

मध्यप्रदेश पुलिस के मुखिया थानों का औचक निरीक्षण कराकर मैदानी अमले की सक्रियता और तैयारियों का जायजा लेते रहते हैं. इसी तरह एक बार फिर देर रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों, डीआईजी, आईजी, इंदौर-भोपाल पुलिस आयुक्त के साथ अन्य मैदानी अधिकारी एडीसीपी, एसडीओपी, एसीपी ने थाने-थाने घूमकर औचक निरीक्षण किया. रात 12 से सुबह 5 बजे तक बजे तक पुलिस अधिकारियों ने प्रदेश के 565 थानों का निरीक्षण कर रोजनामचा, केस डायरी, थाने के हवालातों की सुरक्षा, शस्त्रागार और गंभीर अपराधों की विवेचना को देखा और आवश्यक निर्देश दिए. 

डीजीपी कैलाश मकवाणा ने प्रदेश के थानों में बेसिक पुलिसिंग, नए कानूनों के साथ शुरू हुई नई व्यवस्था जैसे ई-साक्ष्य एप्लीकेशन का इस्तेमाल, ई-समन की तामीली की जानकारी लेने के लिए अधिकारियों को मैदान पर निरीक्षण करने भेजा. ज्यादातर आईजी-एसपी स्तर के अफसरों ने थानों में हिस्ट्रीशीटर और गुंडों की चेकिंग का रजिस्टर देखने के साथ-साथ उनकी गुजर-बसर कैसे चल रही है, इसका भी ब्यौरा जुटाया. साथ ही रात के समय थानों में तैनात स्टाफ की उपस्थिति और माइक्रो बीट प्रणाली के तहत उनकी वर्किंग परखना भी रहा. अब सभी अफसर अपनी-अपनी रिपोर्ट बनाकर पुलिस मुख्यालय को भेजेंगे. अफसरों ने थानों का मालखाना, हथियार और बलवा ड्रिल किस स्थिति में रखे हैं, इन्फॉर्मेशन रजिस्टर और ऑब्जरवेशन रजिस्टर्स में दर्ज ब्यौरा भी देखा गया. अफसरों ने अपने थाना प्रभारियों को ये भी निर्देश दिए कि नए कानून और उनकी प्रक्रियाओं की जानकारी रोजाना गणना (थाना स्टाफ की गिनती) के दौरान बताएं.