Air India Plane Crash: हादसे में बिछड़े वो, जिनकी कहानियाँ अब अधूरी रह गईं
12 जून को अहमदाबाद में हुए एअर इंडिया फ्लाइट AI171 क्रैश में 275 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें कई परिवार, छात्र और क्रू मेंबर्स शामिल थे. इस हादसे ने आर्यन राजपूत, भविक माहेश्वरी, लैमनुंथेम सिंगसोन, रोशनी सोनघारे और डॉ. कौमी व्यास जैसे लोगों की ज़िंदगी की कहानियों को अधूरा छोड़ दिया. यह सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि सैकड़ों सपनों और खुशियों का अचानक अंत था.

आर्यन, जो गाँव से डॉक्टर बनने का सपना लेकर आया था. लेकिन उसे क्या पता था कि ये सपना सिर्फ सपना रह जाएगा.12 जून को अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश हादसे ने कई लोगों की जिंदगियां छीन लीं. प्लेन में बैठे लोगों को शायद ये अंदाज़ा भी नहीं था कि ये उनकी आखिरी उड़ान होगी.
12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश हो गया था. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय प्लेन में 242 यात्री सवार थे, जिनमें से एक युवक को छोड़ कर सभी लोगों की मौके पर ही मौत हो गई. प्लेन जिस बिल्डिंग से टकराकर क्रैश हुआ था वो डॉक्टरों का हॉस्टल था. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस समय स्टूडेंट्स लंच कर रहे थे। जैसे ही प्लेन बिल्डिंग से टकराया, वैसे ही कई स्टूडेंट्स और डॉक्टर भी आग की चपेट में आ गए और इस हादसे ने 275 लोगों की जानें ले लीं. हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मौत हो गई.
इस हादसे के बाद जिन लोगों की मौत हुई है, उनकी कहानियां सामने आ रही हैं.
आर्यन राजपूत...
इस हादसे में ग्वालियर के जिगसोली गांव का रहने वाला आर्यन राजपूत भी शामिल था. आर्यन डॉक्टर बनने का सपना लेकर अहमदाबाद में पढ़ाई करने आया था. वह MBBS के सेकेंड ईयर का छात्र था. जिस मेडिकल हॉस्टल पर प्लेन क्रैश होकर गिरा था, आर्यन उसी में रहता था. जैसे ही गाँव वालों को आर्यन की मौत की खबर मिली, तभी से पूरे गाँव में मातम छाया हुआ है. अब उनका बेटा कभी डॉक्टर बनकर वापस नहीं आ पाएगा.
भविक…
वडोदरा के 26 वर्षीय भविक माहेश्वरी लंदन में जॉब करते थे.वे दो हफ्ते के लिए भारत आए थे. इसी बीच घरवालों ने उनकी शादी तय कर दी. 10 जून को कोर्ट मैरिज हुई. फिर परिवार ने सोचा कि जब भविक अगली बार भारत आएगा, तो धूमधाम से फंक्शन करेंगे और वह दुल्हन को भी लंदन ले जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. भविक ने 12 जून की फ्लाइट बुक कराई थी और फ्लाइट 2 मिनट में ही घटना का शिकार हो गई और भविक की मौत हो गई. भविक की पत्नी उसे छोड़ने अहमदाबाद एयरपोर्ट भी गई थी. बहू लौटकर घर भी नहीं पहुंची थी कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर आ गई.
लैमनुंथेम सिंगसोन...
26 साल की लैमनुंथेम सिंगसोन घर में इकलौती कमाने वाली थीं. लैमनुंथेम मणिपुर की रहने वाली थीं और कुकी समाज से थीं. वह प्लेन में क्रू मेंबर थीं. मणिपुर हिंसा के दौरान लैमनुंथेम के परिवार को घर छोड़ना पड़ा था. उन्होंने विधवा मां से आखिरी बार 11 जून को बात की थी. जैसे ही लैमनुंथेम की माँ को हादसे की खबर मिली, तभी से उनकी माँ सदमे में हैं और खाना-पीना भी छोड़ दिया है. सिंगसोन का एक बड़ा भाई भी है जो बेरोजगार और गंभीर बीमारी से पीड़ित है, वहीं दो छोटे भाई अभी पढ़ाई कर रहे हैं.
रोशनी सोनघारे...
जो कि एयर होस्टेस थीं. रोशनी एयर होस्टेस के साथ-साथ ट्रैवल इन्फ्लूएंसर भी थीं. इसी साल नवंबर महीने में रोशनी की मर्चेंट नेवी अधिकारी से सगाई थी और मार्च में शादी होने वाली थी. पूरे घर में खुशी का माहौल था, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंज़ूर था. 12 जून को हुए हादसे ने रोशनी की भी जान ले ली. ठाणे के डोंबिवली का सोनघारे परिवार अब सदमे में है.
डॉ. कौमी व्यास...
डॉ. कौमी व्यास, अपने पति प्रतीक जोशी और अपने तीन बच्चों के साथ लंदन जा रही थीं. डॉ. कौमी व्यास प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करती थीं, जबकि उनके पति प्रतीक जोशी लंदन में काम करते थे। पूरा परिवार परमानेंट लंदन में शिफ्ट होने जा रहा था. यह परिवार एक नई ज़िंदगी शुरू करने की राह पर था, लेकिन इस दुर्घटना में उन सभी की मौत हो गई.
फ्लाइट पर बैठने के बाद प्रतीक जोशी ने अपने परिवार की एक सेल्फी भी ली थी, जिसमें वे सभी पाँचों मुस्कुराते हुए दिख रहे हैं.