जोरौट पंचायत स्थित बड़ोखर तालाब का अस्तित्व खतरे में
न्यायालयीन आदेश के बाद भी अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाया शासकीय तालाब

राजेंद्र पयासी, मऊगंज
शासकीय जमीनों पर अतिक्रमण कारियों का कब्जा दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। हालात इतने खराब है कि अतिक्रमण कारियों द्वारा किए जा रहे अवैधानिक कब्जे से शासकीय जमीन सिकुड़टी जा रही है। वैसे तो जहां देखा जाए वही अतिक्रमण कारियों का कब्जा अनवरत जारी है लेकिन सबसे खराब स्थिति तालाबों की है जहां न्यायालयीन आदेश के बाद भी तालाबों में अतिक्रमण अनवरत जारी है। कुछ इसी तरह का मामला मऊगंज जिले के नईगढ़ी विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत जोरौट में देखने को मिला जहां ग्राम पंचायत स्थित बड़ोखर नामक तालाब में बीते दो दशक से दो दर्जन से अधिक अतिक्रमण कारियों द्वारा तालाब के भीटा में अवैध रूप से घर बनाकर अतिक्रमण कर लिया गया है। जिसके कारण तालाब का अस्तित्व खतरे में है। स्थानीय लोगों की माने तो बड़ोखर तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने हेतु न्यायालय में प्रकरण चला। न्यायालय के आदेश अनुसार तालाब अतिक्रमण मुक्त किए जाने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई उपरांत आज तक तालाब अतिक्रमण मुक्त नहीं कराया जा सका। जिसके चलते हालत इतनी खराब है कि बड़ोखर नामक इस शासकीय तालाब से आम जनमानस का सुखाधिकार पूर्ण रूपेण बंद हो गया है। स्थानीय लोगों की माने तो शासकीय तालाब से आम सुखाधिकार बंद हो जाने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उधर सबसे बड़ी बात यह देखने को मिली कि शासकीय तालाब में हुए इतने बड़े अतिक्रमण के बाद भी आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया। जिसका परिणाम रहा की अतिक्रमणकारी भू माफिया अनवरत शासकीय तालाब की जमीन को अवैध रूप से कब्जा करने में लगे हुए हैं। और धीरे-धीरे तालाब की जमीन सिकुड़ती जा रही है।
आदेश के बादभी नहीं हो सका सीमांकन-
स्थानीय लोगों ने बताया कि बड़ोखर तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराए जाने एवं तालाब की भूमि एरिया का निर्धारण करने हेतु सरपंच द्वारा राजस्व विभाग को इस आशय का आवेदन किया गया कि जमीन का सीमांकन कर सीमा निर्धारण किया जाए लेकिन आज तक सीमांकन नहीं हो सका। यहां सबसे बड़ा सवाल यहां उठता है कि सभी शासकीय तालाबों के अतिक्रमण हटाने हेतु न्यायालयीन का आदेश है। उधर बड़ोखर तालाब में किए गए अतिक्रमण हेतु भी न्यायालय द्वारा आदेश जारी किया गया है लेकिन आज तक अतिक्रमण न हटाया जाना समझ के परे है। स्थानीय लोगों के आरोपों की हकीकत क्या है यह तो जांच उपरांत ही पता चलेगा। लेकिन जमीनी हालात बोलते हैं कि शासकीय तालाब बड़ोखर बीते डेढ़ दशक से भी अधिक समय से अतिक्रमण कारियों के कब्जे में है जिसके कारण तालाब के अस्तित्व पर भी खतरा मंडराने लगा है। इस विषय पर ग्रामीणों ने कहा शासकीय तालाब बड़ोखर में दो दर्जन से अधिक अतिक्रमण कारियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है। जिसके सीमांकन हेतु ग्राम पंचायत द्वारा आवेदन किया गया लेकिन आज तक सीमांकन नहीं हो सका। शासन प्रशासन से मांग है कि शासकीय तालाब बड़ोखर को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए।