जिले में विद्यालयों में उपहार योजना का क्रियान्वयन ठप्प
सीएसआर फंड सुविधा मुहैया करवाने की कवायत भी अधूरी

राजेंद्र पयासी, मऊगंज
जिले के शासकीय विद्यालयों की स्थिति सुधारने हेतु विगत एक दशक पूर्व शुरू हुई विद्यालय उपहार योजना लगभग शिथिल पड़ गई है। विद्यालयों को जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए शासन की ओर से वर्ष 2014 में इस योजना की शुरूआत की गई थी। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के चलते यह योजना पूरी तरह से ठप्प हो गई। विगत वर्ष फिर से योजना के तहत सरकारी विद्यालयों को संवारने का काम करने की कवायत शुरू होनी थी। लेकिन वह कार्यवाही भी कागजों में सिमट कर रह गई।
छात्रों को बेहतर सुविधा देना था उद्देश्य-
शासन की मंशानुरूप सरकारी विद्यालयों में छात्रों के बेहतर सुविधा जुटाने के उद्देश्य से यह योजना तैयार की गई थी। इसके तहत विभाग द्वारा विद्यालय में जरूरत की वस्तुओं के हिसाब से श्रेणी निर्धारित की गई थी। जिसके साथ स्कूलों के लिए वाटर कूलर वाटर फिल्टर फर्नीचर बिजली कंप्यूटर व बोर्ड सहित कई सामान दिये जा सकते हैं तों वही छात्रावास के लिए गैस चूल्हा बर्तन आदि उपलब्ध करायें जा सकते हैं।
विद्यालयों को नहीं मिले दानदाता-
इसी तरह खेल मैदान के लिए इस योजना में दानदाता खेल सामग्री देने और खेल मैदान के विकास का कार्य कर सकते हैं। चूंकि अधिकारियों ने प्रयास नहीं किया इसलिए ऐसे दानदाता किसी विद्यालय को मिले ही नहीं।
साथ ही विद्यालयों के हिसाब से आवश्यकतानुसार सूची तैयार करनी थी। इसके बाद इस सूची को विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया जाना था। जिले के अधिकांश सरकारी विद्यालय के प्राचार्य ने इस काम में रुचि नहीं दिखाई। वहीं विभाग ने भी इस योजना का सही तरीके से प्रचार- प्रसार नहीं किया ऐसे में उक्त योजना फ्लाप हो गई।