PM हो या CM गंभीर मामलों में गिरफ्तारी पर छोड़ना होगा पद
सरकार 20 अगस्त बुधवार को संसद में तीन विधेयक पेश करने जा रही है. इनमें गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी होने या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का प्रावधान है.

मोदी सरकार संसद में 4 बड़े बिल पेश करने जा रही है. इसमें एक बिल ऐसा भी है कि अगर प्रधानमंत्री, मंत्री या विधायक करप्शन के आरोप में जेल गए तो उसकी कुर्सी तुरंत चली जाएगी. सरकार इसके लिए संविधान में 113वां संशोधन करने जा रही है. इस कानून के दायरे में सभी मंत्री आएंगे. माना जा रहा कि इस पर जोरदार हंगामा होगा. इसके अलावा, सरकार जम्मू-कश्मीर रीऑर्गेनाइजेशन अमेंडमेंट बिल भी पेश करने वाली है. ऑनलाइन गेमिंग पर बिल आएगा और गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरी अमेंडमेंट बिल भी पेश होगा
पेश किए जा सकने वाले विधेयक हैं...
- केंद्र शासित प्रदेश की सरकार (संशोधन) विधेयक 2025
- संविधान (130वां संशोधन) विधेयक 2025
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025
सूत्रों के मुताबिक, सरकार जो करप्शन पर प्रहार के लिए बड़ा बिल पेश करने वाली है. अगर कोई मंत्री 30 दिनों तक लगातार भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार रह जाता है तो उसे उसके पद से हटा दिया जाएगा. इससे साफ है कि सरकार अब यह संदेश देना चाहती है कि सत्ता में रहते हुए कोई भी मंत्री भ्रष्टाचार में शामिल होगा तो वह अपनी कुर्सी बचा नहीं पाएगा. इसके लिए सरकार केंद्र स्तर पर Article 75 में संशोधन करेगी. राज्यों के लिए Article 164 में संशोधन किया जाएगा.
???? ब्रेकिंग न्यूज़ ????
— Manoj Singh (@PracticalSpy) August 20, 2025
केंद्र सरकार कल संसद में बिल पेश करने वाली है, जिसमें पीएम, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को गंभीर आरोपों पर गिरफ्तार होने और 30 दिनों से अधिक हिरासत में रहने पर पद से हटा दिया जाएगा।
यह जवाबदेही बढ़ाने का बड़ा कदम है, लेकिन विपक्ष इसे ध्यान भटकाने की रणनीति… pic.twitter.com/tpXtClgekZ
मंत्रियों की अनिवार्य बर्खास्तगी
अगर कोई केंद्रीय मंत्री या प्रधानमंत्री लगातार 30 दिन तक हवालात में रहता है और जिस अपराध के आरोप में गिरफ्तार है उसकी सजा 5 साल या उससे ज्यादा हो सकती है, तो राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री की सलाह पर 31वें दिन तक उसे पद से हटाना होगा. अगर सलाह नहीं दी जाती, तो मंत्री अपने आप 31वें दिन से पद से हट जाएगा. प्रधानमंत्री के मामले में भी यही नियम लागू होगा. अगर वह 31 दिन तक जेल में रहते हैं और इस्तीफा नहीं देते, तो पद स्वतः समाप्त हो जाएगा.
अपराध के खिलाफ मोदी सरकार एक और ठोस कदम:
— Aanand Krishna (@aanand_krishnaa) August 19, 2025
अगर कोई प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री या कोई मंत्री, 5 साल से ज़्यादा की सज़ा वाले किसी अपराध के आरोप में 30 दिन से ज़्यादा न्यायिक हिरासत में हैं, तो 31वे दिन को उनकी कुर्सी अपने आप खाली हो जाएगी। #Parliament #AmitShah pic.twitter.com/nkrEHdSGqw
कानून का मकसद
मंत्री जनता की उम्मीदों और भरोसे का प्रतीक होते हैं. अगर कोई मंत्री गंभीर अपराध में जेल चला जाए, तो यह संवैधानिक नैतिकता और सुशासन के खिलाफ है. अभी तक संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था. इसलिए ये संशोधन लाया गया है ताकि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री गंभीर अपराध के आरोप में जेल जाने पर पद पर नहीं बना रह सके. अब जेल जाने वाले पीएम, सीएम या मंत्री को जबरन हटाना होगा. अगर सरकार टालमटोल करती है तो उनका पद 31वें दिन अपने आप खत्म हो जाएगा.