रीवा में सावन बना सुपर मानसून, अगस्त में टूट सकता है 53 साल पुराना रिकॉर्ड
रीवा जिले में इस बार मानसून ने जोरदार दस्तक दी है। जुलाई में औसतन 483.6 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य औसत से करीब 48% अधिक है। गुढ़ तहसील सबसे ज्यादा 701 मिमी बारिश के साथ सबसे भीगा इलाका रहा, वहीं रीवा शहर में 639.3 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जिससे कई इलाकों में जलभराव और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।
रीवा। इस बार मानसून ने विंध्य के दरवाजे पूरे जोश के साथ खटखटाए हैं। जुलाई महीने में रीवा जिले ने बारिश के सारे पुराने रिकॉर्ड तो नहीं, पर हिला जरूर दिए हैं। अब नजरें अगस्त पर टिकी हैं, क्योंकि अगर बादलों ने यही रफ्तार बरकरार रखी, तो 53 साल पुराना रिकॉर्ड टूट सकता है।
वर्ष 1972 में अगस्त के महीने में जिले में 27.5 इंच (करीब 698.5 मिमी) बारिश हुई थी, जो आज तक की सर्वाधिक अगस्त वर्षा मानी जाती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार का मानसून उसी दिशा में बढ़ता दिख रहा है।

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में जिले में औसतन 483.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि इस माह की सामान्य औसत 326.8 मिमी होती है। यानी इस बार सामान्य से लगभग 48 फीसदी अधिक बारिश हुई। सबसे खास बात यह रही कि बारिश पूरे जिले में एकसमान नहीं बल्कि क्षेत्र विशेष पर अधिक केंद्रित रही।
गुढ़ तहसील में सबसे ज्यादा 701 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जबकि शहर क्षेत्र में 639.3 मिमी बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। रीवा शहर और आसपास के इलाके भारी बारिश की चपेट में रहे।

कई इलाकों में जलभराव की समस्या इतनी विकराल हो गई कि घरों में पानी घुस गया, सड़कों पर आवागमन ठप हो गया। बीहर और विधिया नदियां उफान पर रहीं और त्योथर में टमस नदी का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में अलर्ट जारी करना पड़ा।
खेती समय पर शुरू, किसानों के चेहरे खिले
बारिश ने जहां शहरी व्यवस्था की पोल खोल दी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में यह वरदान बनकर आई। जुलाई के शुरुआती सप्ताह से ही अच्छी बारिश होने के कारण इस बार बुआई समय पर शुरू हो गई। धान की खेती में तेजी आई है, और मिट्टी में नमी पर्याप्त बनी हुई है, जिससे किसानों को सिंचाई की चिंता कम करनी पड़ी।

अगस्त में तेज बारिश के संकेत, विभाग ने जारी की चेतावनी
मौसम विभाग की भविष्यवाणी कहती है कि अगस्त माह में भी भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। अगर यह अनुमान सटीक बैठा तो 1972 का रिकॉर्ड टूट सकता है, जब अगस्त में सामान्य 301.2 मिमी से ढाई गुना अधिक बारिश दर्ज की गई थी।
पिछले दस वर्षों के आंकड़े बताते हैं कि अगस्त में एक दिन में 4 से 8 इंच तक की बारिश आम हो गई है, जो जलवायु परिवर्तन के असर का संकेत देती है।

गुढ़ बना सबसे भीगा इलाका
जिले की तहसीलों में सबसे अधिक बारिश गुढ़ में दर्ज की गई, जहां 701 मिमी वर्षा हुई। इसके बाद रीवा नगर 639.3 मिमी के साथ दूसरे स्थान पर रहा। अन्य क्षेत्रों में बारिश सामान्य के आसपास रही, जिसमें सिरमौर (493.2 मिमी), मनगवां (503 मिमी), सेमरिया (500 मिमी), रायपुर कर्चुलियान (463.1 मिमी), त्यौथर(294 मिमी) और जवा (275 मिमी) शामिल हैं।

अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश 2019 में
मौसम विभाग के अनुसार पिछले दस वर्षों में अगस्त माह में एक दिन की सर्वाधिक बारिश का जे रिकॉर्ड है, उसके अनुसार वर्ष 2015 में 16 अगस्त को बाई इंच, 19 अगस्त 2016 को 6 इंच, 24 अगस्त 2017 को ढाई इंच, 24 अगस्त 2018 को 3 इंच, 14 अगस्त 2019 को 8 इंच, 13 अगस्त 2020 को डेड इंच, । अगस्त 2021 को सढ़े 5 इंच, 20 अगस्त 2022 को 3 इंच, 3 अगस्त 2023 को 4 इंच और वर्ष 2024 में 4 अगस्त को सवा 5 इंच बारिश दर्ज हुई थी।
Saba Rasool 
