श्मशान की भूमि पर शव के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद, ग्रामीणों ने किया चक्काजाम, प्रशासन की समझाइश के बाद माने परिजन
मऊगंज के नईगढ़ी तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम शिवराजपुर में को श्मशान भूमि को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया.

मऊगंज के नईगढ़ी तहसील क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम शिवराजपुर में को श्मशान भूमि को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया. 65 वर्षीय रामरती साकेत पत्नी बोड्डे साकेत का बीती रात बीमारी से निधन हो गया था. परिजन जब सुबह करीब पारंपरिक श्मशान घाट पर दाह संस्कार करने पहुंचे तो कुछ ग्रामीणों ने वहां संस्कार करने से रोक दिया.
बताया गया कि कमल त्रिपाठी भूमि स्वामी ने उस भूमि पर अपना कब्जा और पट्टा बताया, जिससे विवाद की स्थिति बन गई.
श्मशान में संस्कार न होने देने से आक्रोशित परिजन और ग्रामीण कटरा मऊगंज मुख्य मार्ग स्थित शिवराजपुर चौराहे पर शव रखकर चक्का जाम कर दिया. करीब दो घंटे तक आवागमन पूरी तरह बाधित रहा. मौके पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जमा हो गई. सड़क पर शव रख कर जाम किए जाने की सूचना मिलते ही एसडीएम राजेश मेहता और तहसीलदार दल-बल के साथ पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया.
साकेत परिवार ने कहा श्मशान की जमीन को पुश्तैनी
साकेत परिवार का कहना था कि भूमि उनके पुश्तैनी श्मशान की है, जहां सदियों से उनके पूर्वजों का दाह संस्कार होता आ रहा है. अब कुछ लोगों ने कब्जे का दावा कर वहां विवाद खड़ा कर दिया है. कुछ लोगों ने उस पर अवैध कब्जा कर लिया है. करीब दो घंटे तक चले हंगामे के बाद एसडीएम राजेश मेहता की समझाइश पर परिजनों ने जाम हटाया और शव को संस्कार के लिए ले गए.
एसडीएम राजेश मेहता ने दी जानकारी
एसडीएम राजेश मेहता ने बताया कि जहां पहले से दाह संस्कार किया जाता रहा है वह स्थान निजी भूमि है. जिसकी जांच की जाएगी. यदि जांच में भूमि शासकीय पाई जाती है, तो उसे स्थायी रूप से मरघट घोषित कर श्मशान के रूप में सुरक्षित किया जाएगा. फिलहाल प्रशासन की मौजूदगी में दाह संस्कार की व्यवस्था कराई गई और परिजन शांत हुए.