रीवा में साइबर ठगों का कहर: दो कॉलेज संचालकों के व्हाट्सएप हैक, 55 हजार की ठगी

रीवा शहर में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सोमवार को दो प्रतिष्ठित कॉलेज संचालकों – सीताशरण तिवारी (JSCT कॉलेज) और नीलू त्रिपाठी (कालिका ग्रुप) के व्हाट्सएप अकाउंट हैक कर ठगों ने उनके जानने वालों से पैसे मांगे।

रीवा में साइबर ठगों का कहर: दो कॉलेज संचालकों के व्हाट्सएप हैक, 55 हजार की ठगी


रीवा। शहर में सायबर ठगों का नेटवर्क लगातार सक्रिय होता जा रहा है। सोमवार को रीवा के दो प्रतिष्ठित कॉलेज संचालकों के व्हाट्सएप अकाउंट हैक कर ठगों ने उनके परिचितों से पैसों की मांग की, एक मामला जहां ठगी में बदल गया और 55 हजार रुपए क्यूआर कोड के जरिए ठग लिए गए, वहीं दूसरा मामला समय रहते पकड़ में आ गया और ठगी होने से बच गया।

दोनों मामलों की शिकायत संबंधित थाना और सायबर सेल से की गई है। पहला मामला  जेएससीटी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी के चेयरमैन सीताशरण तिवारी का व्हाट्सएप अकाउंट सायबर ठगों ने हैक कर लिया। अकाउंट हैक करने के बाद ठगों ने उनके संपर्क में मौजूद लोगों को मैसेज भेजकर पैसों की मांग शुरू कर दी।

पीड़ित के परिजन, उनके साले ने मैसेज पर भरोसा करते हुए दिए गए क्यूआर कोड के जरिए 55 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। बताया गया कि जिस क्यूआर कोड के माध्यम से राशि भेजी गई, उसमें अविनाश कुमार रजक नाम दिखाई दे रहा था।

घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ित ने थाने और सायबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। 

कालिका ग्रुप के चेयरमैन का अकाउंट भी हुआ हैक, ठगी से बाल-बाल बचे

इसी दिन दूसरी घटना पुष्पराज नगर स्थित कालिका ग्रुप के चेयरमैन नीलू त्रिपाठी के साथ हुई। उनके व्हाट्सएप पर एक संदिग्ध मैसेज आया, जिसे खोलते ही उनका अकाउंट हैक हो गया। इसके बाद सायबर ठगों ने उनके कॉन्टैक्ट्स में मौजूद लोगों को 40 से 50 हजार रुपए भेजने के लिए मैसेज करना शुरू कर दिया।

हालांकि इस मामले में उनके परिचितों ने सतर्कता दिखाई और समय रहते ठगी से बच गए। नीलू त्रिपाठी ने भी मामले की शिकायत संबंधित थाने और सायबर सेल में दर्ज कराई है।

9 महीने में डेढ़ करोड़ से ज्यादा की ठगी

रीवा में सायबर ठगों की सक्रियता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 9 महीनों में डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की ऑनलाइन ठगी हो चुकी है। कभी बैंक अकाउंट की जानकारी लेकर, तो कभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए।ठग लोगों की मेहनत की कमाई को मिनटों में हड़पने में सफल हो रहे हैं।

पुलिस और सायबर सेल सतर्क, फिर भी लोग हो रहे शिकार

पुलिस और सायबर सेल द्वारा समय-समय पर सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है, लेकिन ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को झांसे में ले लेते हैं। ऐसे में जरूरी है कि आमजन कोई भी लिंक, अंजान नंबर या संदिग्ध मैसेज खोलने से पहले पूरी तरह सतर्क रहें।